बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में रह रही लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद सरकार पर लगातार हमलावर है। सीएम नीतीश कुमार द्वारा इस घटना को शर्मसार बताए जाने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि चाचा जी को शर्मसार होने की फीलिंग 3 महीने बाद आयी। दरअसल, नीतीश कुमार ने कहा कि, “मुजफ्फरपुर में ऐसी घटना घट गई कि हम शर्मसार हो गए। सीबीआई जांच कर रही है। हाईकोर्ट इसकी मॉनिटरिंग करे।” सीएम नीतीश के इस ट्वीट पर तेजस्वी ने कहा कि, “चाचा जी, आपको शर्मसार होने की फीलिंग अाज तीन महीने बाद आयी। अगर यही जन बलात्कार राष्ट्रीय शर्म का विषय नहीं बनता तो शायद जानते हुए भी आप शर्मसार नहीं होते। आपके छद्म व्यक्तित्व से अब हर देशवासी परिचित हो गया है। अंतरात्म से पूछिए, क्या वह ब्रजेश के कृत्यों से परिचित नहीं थी?”
चाचा जी, आपको शर्मसार होने की फ़ीलिंग आज 3 महीने बाद आयी।
अगर यही जन बलात्कार राष्ट्रीय शर्म का विषय नहीं बनता तो शायद जानते हुए भी आप शर्मसार नहीं होते। आपके छद्म व्यक्तित्व से अब हर देशवासी परिचित हो गया है। अंतरात्मा से पूछिए, क्या वह ब्रजेश के कृत्यों से परिचित नहीं थी? https://t.co/RVLbFw4jBA
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 3, 2018
तेजस्वी ने आगे कहा कि, “वो अनाथ बेटियां जब सरकार के पालने मे आई थी तो उन्होने खुद को महफूज समझा होगा। सोचा होगा कि यहां उनका पालन पोषण होगा, सम्मान और आसरा मिलेगा। प्रेम,करुणा और ममता प्राप्त होगी। लेकिन उन्हें मिला क्या? उन्हें सरकार समर्थित,संरक्षित और संपोषित हैवान ही नोचते रहे। वो अनाथ लड़कियाँ किसी का वोटबैंक नहीं है इसलिए हमें क्या लेना देना? उनसे हमारा कोई रिश्ता थोड़े ना था। वह लुटती रहीं, पिटती रहीं, शर्मसार होती रहीं, बेइज्जत होती रहीं, रोती रहीं, कराहती रहीं, चीखती रहीं, मरती रहीं और नीतीश कुमार जी गहरी नींद सोते रहे। मैं दुःखी हूं क्योंकि जिनकी खिलौनों से खेलने की उम्र थी वो खिलौना बन गईं। चलो मान भी लें कि वो बेटियाँ थीं, पर वो हमारी बेटी थोड़ी ना थी, अनाथ थी,बेसहरा थी,अभागी थी,मजबूर थी, वो जो भी थी पर हमारी लाड़ली थोड़ी ना थी। हम क्यूं बोलें? वो हमारी कुछ नहीं लगती थीं। एक सामाजिक कार्यकर्ता होने से पहले मैं 7 बहनों का भाई, एक माँ का बेटा और कई बेटियों व भगिनी का चाचा और मामा हूं। बच्चियों के साथ हुई इस अमानवीय घटना से मैं सो नहीं पाया हूं। नीतीश जी क्यों चुप है यह उनसे बेहतर कौन जानता होगा?” क्या वो बेटियां नहीं थी? या उन्हें इस धरती पर केवल शोषण के लिए ही लाया गया था। आपकी सरकार के संरक्षण में उनका ऐसा शोषण हुआ जिसे सोच कर रूह कांप जाती है।”
मैं दुःखी हूँ क्योंकि जिनकी खिलौनों से खेलने की उम्र थी वो खिलौना बन गईं। चलो मान भी लें कि वो बेटियाँ थीं, पर वो हमारी बेटी थोड़ी ना थी, अनाथ थी,बेसहरा थी,अभागी थी,मजबूर थी, वो जो भी थी पर हमारी लाड़ली थोड़ी ना थी। हम क्यूँ बोलें? वो हमारी कुछ नहीं लगती थीं।#MuzaffarpurMassRape pic.twitter.com/H8RJZFx5WJ
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 3, 2018
My open letter to Bihar CM Nitish Kumar on his criminal silence on one of the world’s most horrifying Institutional mass rape case. Why CM running & hiding? pic.twitter.com/va77Xb0DJq
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 3, 2018
तेजस्वी यादव ने अपने खुले पत्र के माध्यम से यह कहा कि, “मैं यह नहीं कहता कि वह बालिका गृह किसी ब्रजेश ठाकुर का था मैं तो यह कहता हूं कि वह बालिका गृह बिहार सरकार का था जिसके मुखिया नीतीश कुमार जी हैं। सोच कर दिल भर आता है, आँख नम हो जाती है, की छोटी-छोटी मासूम बच्चियों के साथ कैसा-कैसा अमानवीय और राक्षसी व्यवहार किया गया। 7 से 14 साल की बेटियों को गर्भवती कर दिया गया और तीन बेटियों का गर्भपात भी कराया गया। एक सात साल की मूक-बधिर बेटी ने बताया कि उसके हाथ-पैर बांध कर रेप किया जाता था और जब वह विरोध करती तो उसे तीन-तीन दिन तक भूखा रखा जाता था और डंडे से उसकी बेरहमी से पिटाई की जाती थी। मुजफ्फरपुर बालिका गृह की यह घटना मानवीय इतिहास में अब तक की सबसे क्रूरतम और शर्मनाक घटना है। तत्काल आपको सीबीआई जांच का आदेश देना चाहिये था, लेकिन स्वयं आप और आपके पुलिस महानिदेशक कहते रहे कुछ नहीं हुआ, हम केस सुलझाने में सक्षम है। बेटियों को सांत्वना देनी चाहिये थी पर आपने आपराधिक चुप्पी साध ली और आप के लोग आरोपियों को बचाने और पुरस्कृत करने में लिप्त हो गये। इस घटना के आरोपियों को आरोप सिद्ध होने पर फांसी से कम सजा न मिले नहीं तो बिहार में बेटियों को पैदा करने से लोग डरेंगें।”