देशभर के हवाई अड्डों पर तीस तरह के वीवीआईपी लोगों को सुरक्षा जांच से छूट मिली हुई है। इनमें राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से लेकर ऐसे तमाम लोग हैं जिन्हें एसपीजी सुरक्षा घेरा मिला हुआ है। इसके तहत इन वीवीआईपीज की कार बिना सुरक्षा जांच के हवाई जहाज की सीढ़ी तक जा सकती है। इस कार में उनके सामान भी बिना जांच के ही प्लेन पर लादे जाते रहे हैं। पिछले आठ सालों से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पटना हवाई अड्डे पर यह सुविधा उठा रहे हैं, जबकि इन दोनों का नाम उन 30 वीवीआईपीज का लिस्ट में नहीं है। हालांकि, पिछले शुक्रवार से उनके लिए यह सुविधा बंद कर दी गई है।

साल 2009 में कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र की यूपीए सरकार ने लालू यादव और उनकी पत्नी को यह सुविधा दी थी। पिछले शुक्रवार को ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सेक्योरिटी (बीसीएएस) को एक शिकायत मिली जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया था कि लालू प्रसाद यादव प्लेन में चढ़ने से पूर्व सुरक्षा जांच से छूट के हकदार नहीं है। बावजूद इसके उन्हें यह सुविधा दी जा रही है। शिकायत में कहा गया था कि लालू यादव के साथ राबड़ी की जगह कोई और शख्स था जो कार से सीधे प्लेन की सीढ़ियों तक सामान के साथ जा पहुंचा और बिना जांच के ही प्लेन पर चढ़ गए।

बीसीएएस के चीफ राजेश कुमार चंद्रा को पिछले शुक्रवार की शाम ये शिकायत मिली थी। इसके बाद उन्होंने तुरंत केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को एक मेल भेजा। बता दें कि देशभर के हवाई अड्डों पर चढ़ाई पूर्व सुरक्षा जांच का जिम्मा सीआईएसएफ के ही जिम्मे है। सूत्रों ने इकॉनोमिक टाइम्स को बताया कि पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को इस तरह की सुरक्षा नहीं मिली हुई है। इसके तुरंत बाद उन्हें अस सुविधा से वंचित कर दिया गया।

चंद्रा ने मेल की कॉपी नागरिक उड्डयन सचिव आर एन चौबे को भी भेजी थी। इसके बाद उसी रात यानी शुक्रवार (21 जुलाई) को ही चौबे ने आदेश जारी किया कि इस दंपत्ति को सुरक्षा जांच में किसी तरह की रियायत नहीं दी जाए। अब लालू यादव और राबड़ी देवी हवाई सफर से पहले आम नागरिक की तरह मेन टर्मिनल से प्रवेश करेंगे और सुरक्षा जांच की प्रक्रिया से गुजरेंगे। उनके सामानों की भी गहन जांच होगी।