बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बड़े भाई और पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर तेजप्रताप यादव के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एएनआई से उन्होंने कहा कि, ‘यह स्पष्ट हैं कि तेज प्रताप ने पार्टी की ताकत पर बात की थी। उन्होंने साल 2019 (आम चुनाव) और 2020 (बिहार विधानसभा चुनाव) से पहले पार्टी को एकजुट और मजबूत करने के बारे में बात की। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि तेजस्वी मेरे कलेजे का टुकड़ा है। वह मेरे भाई और मार्गदर्शक हैं।’ पूर्व सीएम ने आगे कहा, ‘हम सभी पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं राई का पहाड़ नहीं बनाना चाहिए। हमें शिक्षा और विसंगतियों पर ध्यान देना चाहिए। छात्रों को 35 में से 38 कैसे दिए थे। कैसे 44 युवितों के साथ बलात्कार किया गया। अगर हम इसे दरकिनार करते हैं तो बिहार को इससे बिल्कुल फायदा नहीं होगा।’
बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने शनिवार (9 जून, 2018) को कहा कि पार्टी के ही कुछ लोग पार्टी में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं, वे भाई से भाई को लड़वाने की कोशिश कर रहे हैं। तेजप्रताप ने यहां संवाददाताओं से कहा, “पार्टी में कुछ असामाजिक तत्व आ गए हैं, जो पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। लोग तेजस्वी और हमारे परिवार के लोगों का नाम इस्तेमाल कर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने असहज होते हुए कहा, “पार्टी के लोग मेरी भी बात नहीं सुनना चाहते। भाई से भाई को लड़वाने की कोशिश कर रहे हैं। मगर किसी भी कीमत पर पार्टी को तोड़ने नहीं दिया जाएगा।” इसके बाद तेजप्रताप ने लोगों को असामाजिक तत्वों से सावधान रहने की अपील करते हुए ट्वीट किया, “राजद और गठबंधन सहयोगियों के सामने 2019 का आम चुनाव है। केंद्र में एक नई सरकार बनाने की बड़ी जिम्मेवारी है, लेकिन हमें उन असामाजिक तत्वों से सावधान रहना है जो इस एकता में सेंध लगाना चाहते हैं। जय भीम, जय बहुजन, जय मंडल, जय हिंद।”
दरअसल अफवाहों की शुरुआत तब हुई जब राजद नेता और भगवान कृष्ण के भक्त तेजप्रताप ने एक ट्वीट के जरिए जहां खुद के द्वारका जाने की बात कही वहीं इशारों ही इशारों में तेजस्वी को सबकुछ सौंप देने की भी बात कही। इस दौरान उन्होंने हालांकि कुछ ‘चुगलों’ (आलोचकों) की भी बात लिखी है। उनके इसी बयान को सोशल मीडिया में तोड़मोड़कर पेश किया। जिससे पूर्व सीएम को मामले में सफाई देनी पड़ी।
तेजप्रताप ने ट्वीट किया, “मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं। अब कुछेक ‘चुगलों’ को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं । राधे राधे।”
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी अपने छोटे बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव को बनाया है। यही कारण है कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद तेजस्वी को जहां उपमुख्यमंत्री बनाया गया था, वहीं तेजप्रताप को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। लालू की गैरमौजूदगी में हुए उपचुनावों में राजद की जीत से राजनीति में तेजस्वी का कद बढ़ा है। बड़े भाई तेजप्रताप का कुछ ही दिनों पहले विवाह हुआ है।
It is very evident Tej Pratap ji spoke on strength of the party. He spoke about how to unify and strengthen our party, ahead of 2019 (general election) & 2020 (Bihar assembly election). Unhone spasht kaha hai Tejashwi kaleje ka tukda hai. He is my brother & guide: Tejashwi Yadav pic.twitter.com/eZYwZ0pSYS
— ANI (@ANI) June 10, 2018
All are working to strengthen the party. We shouldn’t make mountain out of a molehill. We must focus on discrepancies on education, how students were given 38 out of 35 marks, how 44 young girls were raped. If you ignore this, Bihar isn’t going to benefit at all: Tejashwi Yadav pic.twitter.com/M0TSigb7Uf
— ANI (@ANI) June 10, 2018