केंद्र की मोदी सरकार में शामिल न होने के जेडीयू के फैसले के बाद बिहार के गठबंधन सहयोगियों के बीच तल्खी की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। इस बीच, जेडीयू के पुराने साथी आरजेडी ने सीएम नीतीश कुमार के सामने दोबारा से दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। वहीं, जेडीयू ने एक बार फिर दोहराया है कि वह एनडीए में है और सब कुछ ठीक है। बता दें कि केंद्र सरकार में ‘प्रतीकात्मक’ तौर पर एक सीट के ऑफर को जेडीयू ने ठुकरा दिया था। वहीं, इसके थोड़े ही वक्त के बाद बिहार में नीतीश सरकार ने भी अपना मंत्रिमंडल विस्तार किया। इसमें जेडीयू के 8 नेताओं को मंत्री बनाया गया, लेकिन गठबंधन सहयोगी बीजेपी और एलजेपी को दूर रखा गया।

आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने सोमवार को कहा, ‘अगर खराब बर्ताव के शिकार हुए नीतीश कुमार बीजेपी को छोड़ने का फैसला करते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। आरजेडी और जेडीयू दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर बीजेपी को हरा सकते हैं।’ बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी की नीतीश से दोबारा से गठबंधन पर आपत्ति के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘तेजस्वी ने ऐसा कुछ लिखित में नहीं दिया है।’ बता दें कि आरजेडी की यह पहल नीतीश के मंत्रीमंडल विस्तार के एक दिन बाद ही सामने आई है। उधर, बीजेपी ने कहा है कि वह अपने कोटे के मंत्रालय बाद में लेगी।

इस बीच, महागठबंधन सहयोगी और एनडीए के पूर्व सहयोगी आरएलएसपी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘बीजेपी को धोखा नंबर 2 के लिए तैयार रहना चाहिए। नीतीश को जनादेश का अपमान करने की आदत हो गई है।’ बता दें कि जेडीयू ने 2013 में एनडीए से नाता तोड़ लिया था। वहीं, 2017 में कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन को छोड़कर दोबारा से एनडीए में शामिल हो गई थी। जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा, ‘एनडीए के अंदर जो हो रहा है, उसमें आरजेडी और दूसरों को ज्यादा नहीं पड़ना चाहिए। हम साथ में हैं और आरजेडी को अपने मामलों से मतलब रखना चाहिए।’ हालांकि, एनडीए के अंदर के सूत्रों ने गठबंधन सहयोगियों के बीच तनाव की बात कबूली है। जेडीयू के एक नेता ने कहा, ‘हम केंद्र में सिर्फ एक मंत्रालय की पेशकश से बेहद आहत हैं। हमने बीजेपी से ऐसी उम्मीद नहीं की थी।’