बिहार बीजेपी के कद्दावर नेता सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार 27 जुलाई  बिहार के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। नीतीश कुमार एनडीए सरकार में फिर से मुख्यमंत्री बने हैं। नीतीश और सुशील दो पुराने दोस्तों की तरह हैं जो सियासी मजबूरियों की वजह से अलग हो गये थे। दोनों नेताओं ने साल 2005 से लेकर 2013 तक साथ बिहार की सत्ता चलाई थी। आज भले ही नीतीश कुमार बिहार के बॉस हों और सुशील मोदी उनके डिप्टी हों। लेकिन एक वक्त ऐसा था जब आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव सुशील मोदी के बॉस थे। ये वक्त था सुशील मोदी के छात्र जीवन का। सुशील मोदी के बारे में ऐसी ही अनजानी पांच बातें हम आपको बताने जा रहे हैं।

* सुशील मोदी पिछले 45 सालों से लालू यादव को जानते रहे हैं। पटना विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे सुशील मोदी 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में महासचिव पद का चुनाव जीत चुके हैं। इसी दौरान लालू यादव  पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष  थे। इस लिहाज से उन दिनों लालू यादव सुशील मोदी के बॉस थे। हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज सेशन में पहुंचे सुशील मोदी ने लालू यादव के बारे में कहा, ‘बहुत पहले से ही भ्रष्ट, अपराधी, असामाजिक तत्वों के बीच में लालू जी सहज महसूस किया करते थे।’

* सुशील मोदी बिहार प्रदेश छात्र संघर्ष समिति के भी सदस्य बने। ये वही संगठन है जिसने 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में बिहार के प्रसिद्ध छात्र आंदोलन को पूरे देश में फैलाया। पीएम इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में घोषित आपालकाल के दौरान सुशील मोदी मीसा कानून के तहत 5 बार गिरफ्तार किये गये और इस दौरान उन्हें 24 महीने जेल में रहना पड़ा।

* वनस्पति विज्ञान के छात्र सुशील मोदी जब ग्रेजुएशन कर रहे थे तो उनके घर वाले ये मान कर बैठे थे कि इस परीक्षा में वो निश्चित रुप से फेल होंगे, क्योंकि सुशील मोदी ने मुश्किल से कोई क्लास किया था, उनका ध्यान मुख्यरुप से सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों की ओर था और इसमें वे मुख्यरुप से सक्रिय थे। लेकिन परीक्षा से दो महीने पहले सुशील मोदी ने अपनी सारी गतिविधियों से ब्रेक लिया और पढ़ाई में जुट गये। रिजल्ट आया तो वे यूनिवर्सिटी के सेकेंड टॉपर बने।

* सुशील मोदी ने जेसी जॉर्ज नाम की एक महिला से शादी की है। जेसी जॉर्ज रोमन कैथोलिक धर्म को मानती हैं और वो मुंबई में पली बढ़ी हैं। खुद से पांच साल छोटी जेसी से सुशील मोदी की मुलाकात एक ट्रेन सफर के दौरान हुई। ये 1985 का साल था, जेसी बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी की ओर से स्पॉन्सर्ड एक ट्रिप में कश्मीर जा रही थीं, सुशील मोदी इसी ट्रेन में थे, दोनों के बीच बातचीत हुई और रिश्तों का ये कारवां आगे बढ़ा और प्यार में तब्दील हो गया। सुशील मोदी के दो बेटे हैं।

राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी सुशील मोदी को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाते हुए। फोटो- PTI

* राजनीति और आंदोलन से एक बार सुशील मोदी का मोह भी भंग हुआ। सुशील मोदी ने 1987 में बैंक से बैंक से 70 हजार रुपये का लोन लिया और एक कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट खोल दिया। यही वो वक्त था जब सुशील मोदी ने तकनीक और कम्प्यूटर के लिए अपने अंदर छिपी दीवानगी को पहचाना। लेकिन आंदोलनों और बगावती मिजाज के आदी सुशील मोदी को दुकानदारी में मन नहीं लगा, ढाई साल के बाद उन्होंने इस दुकान को बंद कर दिया। सियासत एक बड़े रोल के लिए उनका इंतजार कर रही थी।