बाढ़ से जूझ रहे बिहार को लेकर पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने विवादित बयान दिया है। सामान्‍य से कम वर्षा होने के बावजूद गंगा अत्‍यधिक खतरे के स्‍तर से 23 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, मगर लालू यादव का कहना है कि ‘गंगा को अपने दरवाजे पर देखना अच्‍छा संकेत है।” सोमवार को लाूल यादव ने अपने राज्‍य के बाढ़ पीड़ि‍तों से कहा कि वे लोग भाग्‍यशाली हैं क्‍योंकि हर किसी को घर बैठे गंगाजल नहीं मिलता। इंडिया टुडे के अनुसार, उन्‍होंने रिपोर्टर्स से कहा, ”आप लोग भाग्‍यशाली हैं कि गंगा आपके दरवाजे पहुंची है। ऐसा हमेशा नहीं होता। ज्‍यादातर मामलों में आपको जाना पड़ता है।” शायद लालू यादव का निशाना भारतीय जनता पार्टी की ओर था। केन्‍द्र सरकार ने हाल ही में एक योजना शुरू की है जिसके तहत पोस्‍ट ऑफिसेज के जरिए लोगों ने उनके दरवाजे पर गंगाजल मुहैया कराया जाएगा।

बिहार में इस साल मॉनसून में सामान्‍य से 14 प्रतिशत कम बारिश हुई है, लेकिन बाढ़ के हालात खतरनाक होते जा रहे हैं। पिछले दो दिनों में स्थिति काफी बिगड़ गई है और इसके बद से बदतर होने की आशंका है क्‍योंकि रविवार को मध्‍य प्रदेश के बाण सागर बांध से छोड़ा गया पानी बिहार पहुंच चुका है। इससे सोन और गंगा नदी उफना गई हैं। राज्‍य का ज्‍यादातर हिस्‍सा नेपाल और पड़ोसी राज्‍यों जैसे मध्‍य प्रदेश और झारखंड में हुई भारी बारिश की वजह से डूब गया है। गंगा बेसिन से जुड़े भागलपुर, मुंगेर, समस्‍तीपुर, खगड़ि‍या, बेगूसराय, पटना, वैशाली, छपरा, आरा, बक्‍सर जैसे जिलों में जलस्‍तर में बढ़ाेत्‍तरी दर्ज की गई है। गंगा में कटान की वजह से मालदा जिले के 135 घर बह गए हैं, जबकि 20 गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं।