उड़ीसा के बाद बिहार में भी एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। बिहार को कटिहार में एक गरीब परिवार पॉलिथीन में पैक लाश लेकर पैदल भटकता रहा। परिवार के अनुसार कुर्सेला प्रखंड के बालू टोला में दो हफ्ते पहले सिन्टू साह गंगा नदी में डूब गया था, दस दिन बाद उसकी लाश को ग्रामीणों ने पानी में तैरता देखा, जिसके बाद लाश को नदी से बाहर निकाला गया। शव बरामद होने के बाद कुर्सेला थानाध्यक्ष ने कार्रवाई करते हुए लाश को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया, लेकिन पानी में दस दिन तक शव डूबे रहने के कारण चिकित्सकों ने जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा संस्थान भागलपुर रेफर कर दिया।
शव खराब होने पर डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर तो रेफर कर दिया था, लेकिन वाहन नहीं दिया। ऐसे में बिना एंबुलेंस के ही लाचार परिवार को शव को पॉलिथीन में बांधकर पैदल ही लेकर निकल पड़ा। लेकिन जैसे ही मीडिया ने ये खबर कवर करनी शुरू की प्रशासन एक दम हरकत में आ गई। आनन फानन में एक वाहन का इंतजाम करके शव को पोस्टमार्टम के लिये भागलपुर भेजा गया। पहले शनिवार (24 सितंबर) को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में भी इस प्रकार शव को ठेले पर ले जाने का वीडियो भी वायरल हुआ था। उस वीडियो में सूरज नामक एक युवक को अपने पिता तुलसीराम (70) का शव ठेले पर लादकर ले जाते दिखाया गया था।
Katihar(Bihar):3ppl carry dead relative in plastic bag after they allegedly didn't get ambulance to take his body to Bhagalpur fr postmortem pic.twitter.com/zmoYwqYpaP
— ANI (@ANI) September 28, 2016
He died 14 days ago from drowning in Ganga. We brought the decomposed body to the Katihar hospital for the postmortem: Relative pic.twitter.com/Y0J8BLN6pd
— ANI (@ANI) September 28, 2016
Initially they said postmortem will be done here, but after keeping body for more than 24 hrs, doc asked us to take it to Bhagalpur-Relative pic.twitter.com/pdUht0DDQG
— ANI (@ANI) September 28, 2016
Told the doctors that we don't have money to take the body to Bhagalpur; they didn't provide us with an ambulance: Grandfather pic.twitter.com/GkArO2rSoc
— ANI (@ANI) September 28, 2016
[jwplayer 5kP0uD5i]

