बिहार पुलिस मुख्यालय ने सात पुलिस अफसरों को अपने इलाके को शराबबंदी कानून लागू होने के तीन महीने के अंदर शराबमुक्त ज़ोन बनाने का हलफनामा देने के बावजूद ‘शराब की खपत और बिक्री न रोक पाने ‘ के लिए निलंबित कर दिया है। वहीं कुछ पुलिस अफसरों को ‘सफलतापूर्वक शराबबंदी अभियान’ चलाने के लिए शाबासी दी गई है। इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर रैंक के इन अफसरों को  उनके संबंधित इलाके में सबसे अधिक शराब पकड़े जाने के कारण निलंबित किया गया है. इसका अर्थ ये निकाला गया कि इन अफसरों ने अपनी ड्यूटी निभाने में लापरवाही की और शराब बिक्री पर रोकथाम करने में विफल रहे।

निलंबित अफसरों में मसउरी (पटना), मखदूमपुर (जहानाबाद), चांद (कैमूर), डेहरी (रोहतास), मरांगा (पूर्णिया), मुफ्फसिल (मोतिहारी) और सुल्तानगंज (भागलपुर) शामिल हैं के थाना प्रभारी शामिल हैं। आदेश के अनुसार इन अधिकारियों को अगले 10 साल तक फील्ड पोस्टिंग नहीं मिलेगी।

वहीं डेहरी थाना प्रभारी ईश्वर विद्यासागर ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि ज्यादा शराब पकड़ा जाना उनकी विफलता है या सफलता। उन्हें एक तरफ निलंबित कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को शाहाबाद के डीआईजी मोहम्मद रहमान ने उन्हें ‘सफल शराबबंदी अभियान’ के लिए 2500 रुपये का नगद इनाम दिया।

नीतीश कुमार ने विधान सभा चुनाव से पहले महिला मतदाताओं से सत्ता में वापस आने पर पूर्ण शराबबंदी लागू करने का वादा किया था। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपने वादे पर अमल भी किया। नीतीश बिहार के बाहर अन्य राज्यों में भी शराबबंदी के पक्ष में लामबंदी कर रहे हैं। वो यूपी, महाराष्ट्रा समेत कई प्रदेशों के शराब के खिलाफ काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के कार्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं।

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