भवन निर्माण विभाग ने पटना जिला प्रशासन से 5 देशरत्न मार्ग पर स्थित बंगले से विपक्षी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को बेदखल करने के लिए कहा है। तेजस्वी अभी इस बंगले का इस्तेमाल अपने कार्यालय के रूप कर रहे हैं। विभाग ने आगे कहा कि अगर जरूरत पड़े तो पुलिस बुलाकर सख्ती से इस काम को किया जाए। विभाग के मुताबिक इसके लिए एक पत्र शुक्रवार (20 अप्रैल, 2018) को जारी किया जा चुका है। बता दें कि पिछले महीने पटना हाईकोर्ट ने भी सरकारी बंगला आवंटन मामले में राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद भवन निर्माण विभाग ने सभी आरजेडी नेताओं को लिखा था (जो ग्रैंड एलायंस सरकार के मंत्री थे) कि जितना जल्दी हो सके सभी अपने बंगले खाली कर दें।
रिपोर्ट के मुताबिक तेजस्वी के अलावा उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव, पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे पूर्व मंत्रियों ने अपना बंगला खाली कर दिया है। हालांकि मामले में तेजस्वी ने अपना पक्ष रखा है। उनका कहना है कि उन्हें 5 देशरत्न मार्ग का बंगला एक मंत्री रहते मिला था ना की उप मुख्यमंत्री के रूप में। यह परंपरा है कि जब कोई मंत्री विपक्ष का नेता बन जाता है तो उसे वही आवास दिया जाता है। ऐसा सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार के मामले में किया गया था। तेजस्वी का आरोप है कि उनके ही कैस में नियम क्यों बदले जा रहे हैं?
तेजस्वी के मुताबिक उन्होंने मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, विभाग के मुख्य सचिव चंचल कुमार को पत्र लिखा है। दूसरी तरफ आरजेडी प्रवक्ता और विधायक शक्ति यादव का कहना है कि तेजस्वी कोई साधारण नेता नहीं है। वह विपक्ष के नेता है। उन्होंने कहा कि जो नोटिस भेजा गया वो अलोकतांत्रिक है। यह नीतीश कुमार की तानाशाही को दिखाता है।

