बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को नालंदा जिले के अपने पैतृक गांव के दौरे पर थे। इस दौरान 11 वर्षीय बालक ने उनसे अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद करने की गुहार लगाई, क्योंकि उसके अभिभावक उसे नहीं पढ़ाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री शनिवार को कल्याण बीघा गांव में अपने पिता कविराज रामलखन सिंह के नाम पर बने एक पार्क के परिसर में अपनी पत्नी मंजू सिन्हा की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यापर्ण करने पहुंचे थे।

इसी दौरान बैरिकेड के पीछे खड़े 11 वर्षीय बालक सोनू कुमार ने मुख्यमंत्री का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करते हुए उनसे हाथ जोड़कर आग्रह किया। सोनू ने मुख्यमंत्री से कहा, ‘‘सर मुझे पढ़ने के लिए हिम्मत (शिक्षा प्राप्त करने में मदद) दीजिए। मेरे अभिभावक (पिता) मुझे पढ़ाना नहीं चाहते हैं।” बालक के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने अपने साथ आए अधिकारियों को बच्चे की शिकायत को सुनने का निर्देश दिया। प्रभारी जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बच्चे की फरियाद को ध्यान से सुना।

इस दौरान वहां पर मौजूद गांव के एक बुजुर्ग ने लड़के के मेधावी होने की बात कही। बाद में सरकारी स्कूल में छठी कक्षा के छात्र सोनू ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह आईएएस अधिकारी बनना चाहता है। सोनू ने कहा, ‘‘मेरे पिता जीविका के लिए दुग्ध उत्पाद बेचते हैं लेकिन वह मेरी शिक्षा की परवाह नहीं करते। मेरे पिता जो कुछ भी कमाते हैं, वह शराब पर खर्च कर देते हैं। मैं अपनी पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए छोटे बच्चों को ट्यूशन देता हूं। कक्षा 5 तक के बच्चों को मैं पढ़ाता हूं।”

बता दें कि 11 वर्षीय छात्र सोनू इसके पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपनी शिकायत कर चुका है। लेकिन उस दौरान मासूम की शिकायत पर प्रशासन द्वारा अमल नहीं किया गया। सोनू को इस बार उम्मीद है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उसकी मदद करेंगे और उसे अच्छे स्कूल में दाखिला दिलवाएंगे। वहीं सोनू का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और उसके बाद मदद के लिए सैकड़ों लोग आगे आ रहे हैं।

सोनू का यह वीडियो बिहार में शराबबंदी की भी पोल खोलता है। बिहार सरकार ने शराब पर बैन लगा रखा है। लेकिन सोनू ने खुद बताया कि कैसे उसके पिता अपनी आय को शराब पर खर्च कर देते हैं।