बिहार के वैशाली में शुक्रवार (21 सितंबर) को मुहर्रम के जुलूस के दौरान हुई फायरिंग में एक शख्स की मौत हो गई। जबकि दो अन्य घायल हो गए। घटना के बाद वैशाली जिला प्रशासन ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए कई इलाकों में निषेधाज्ञा लगा दी है।
हालांकि पुलिस का आरोप है कि ये घटना ताजिया का जुलूस पहले निकालने के लिए मुस्लिम समुदाय के दो गुटों के बीच हुए झगड़े के दौरान हुई। वहीं कुछ मुस्लिमों ने इस घटना को एक हिंदूवादी संगठन के नेता की गिरफ्तारी से जोड़ा है। बता दें हिंदू पुत्र संगठन के नेता को मुहर्रम के जुलूस के रास्ते के बारे में सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट लिखने पर पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने बताया कि फायरिंग से प्लंबर का काम करने वाले 38 साल के शाहनवाज कुरैशी की मौत हो गई। जबकि क़ैसर और अंजार जख्मी हो गए। उनका इलाज पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में करवाया जा रहा है। हमला करने वालों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। लेकिन पुलिस टीम पर पत्थर फेंकने वाले और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
ये घटना सुबह करीब तीन बजे उस वक्त हुई जब हाजीपुर के एम चौक में विभिन्न रास्तों से आने वाले ताजिया के जुलूस इकट्ठे हो रहे थे। हाजीपुर की कुल आबादी करीब 2 लाख है, जिसमें से अनुमानित 25,000 मुस्लिम हैं। इसी बीच दो गुटों के बीच झगड़ा हुआ, जो बाद में फायरिंग में तब्दील हो गया।
कुरैशी की अस्पताल में मौत के बाद कुछ लोगों ने अस्पताल के पास खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस दौरान सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। बाद में कुछ लोगों ने कुछ दुकानों और घरों में भी तोड़फोड़ शुरू कर दी। तोड़फोड़ करने वाले लोग अन्य समुदाय के थे। जैसे ही भीड़ जुटना शुरू हुई, उग्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर—बितर करने के लिए लाठीचार्ज शुरू कर दिया। इसके बाद कस्बे में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई।
