बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ होने वाली बैठक में केंद्र सरकार से राज्य के विकास के लिए पौने तीन लाख करोड़ रुपये के पैकेज की मांग करेंगे। यह जानकारी आज जद यू के प्रवक्ता के सी त्यागी ने दी। त्यागी ने बताया कि कुमार ने मोदी के साथ 11 अगस्त को हुई बैठक में उनकी सरकार द्वारा शुरू की गयी विभिन्न पहल की जानकारी दी थी। दोनों के बीच इस महीने के अंतिम हफ्ते में फिर बैठक होने वाली है। त्यागी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बिहार के लोगों की उम्मीदों से अवगत कराया (नीतीश द्वारा भाजपा से हाथ मिलाने के बाद)। वे विकास के काम तेजी से चाहते हैं। मोदी ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।’’
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने बिहार से जुड़ी परियोजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है। कुमार ने सात निश्चय किया है जिसमें हर घर को बिजली, पेयजल उपलब्ध कराना और नालियों से जोड़ना शामिल है। वर्ष 2015 में सत्ता में आने के बाद यह उनकी सरकार के एजेंडा में शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘जब से राज्य और केंद्र में एक ही गठबंधन की सरकार बनी है हमें उम्मीद है कि जल्द ही बिहार पैकेज को लागू किया जाएगा। बिहार के ‘अच्छे दिन’ जल्द आएंगे।’’
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर राज्य के लिए केंद्रीय सहयोग की मांग की थी और सांसदों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी। मोदी ने 2015 के विधानसभा चुनावों के दौरान बिहार को सवा लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने का वादा किया था। उस वक्त कुमार विपक्षी जद यू-राजद-कांग्रेस गठबंधन का नेतृत्व कर रहे थे और तब उन्होंने भाजपा और उसके सहयोगी दलों को परास्त किया था।
पिछले महीने एक नाटकीय घटनाक्रम में उन्होंने महागठबंधन को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। कुमार ने जो परियोजनाएं बताई हैं उनमें 78 हजार करोड़ रुपये की लागत से सड़क और नाली निर्माण, 55 हजार 600 करोड़ रूपये की लागत से बिजली योजना और पेयजल तथा शौचालय से जुड़े कार्यों के लिए 47 हजार 700 करोड़ रूपये और 28 हजार 700 करोड़ रुपये की परियोजना शामिल है। त्यागी ने बताया कि जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पटना में 19 अगस्त को होने वाली बैठक में राजग में शामिल होने के प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी दी जायेगी।