राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का बिहार में जेडीयू समर्थन करेगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए की उम्मीदवार के तौर द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन करके इस निर्णय के बारे में बताया। दरअसल, जब से द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा हुई है, तभी से इस बात की चर्चा है कि नीतीश कुमार क्या फैसला लेंगे। अगर उनके पुराने फैसलों पर ध्यान दें तो उन्होंने गठबंधन से अलग फैसला लिया। हालांकि, उन्होंने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर मुर्मू के नाम को लेकर खुशी जाहिर की है।
उन्होंने कहा, “भारत के राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू के नाम से हम काफी खुश हैं। वो एक आदिवासी महिला हैं, और देश के सर्वोच्च पद के लिए उनको उम्मीदवार बनाना बहुत खुशी की बात है। ओडिशा सरकार में मंत्री रहने के दौरान और झारखंड की राज्यपाल के रूप में उन्होंने जो कार्य किए वो काफी सराहनीय हैं।”
इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश की तरफ से लिए गए फैसले चौंकाने वाले रहे हैं। साल 2012 के चुनाव में उन्होंने यूपीए के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी के पक्ष में वोट किया था, जबकि वह एनडीए में थे। वहीं, 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन दिया था, जबकि उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा थी।
इसके अलावा, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा महिला सशक्तिकरण के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू का वो स्वागत करते हैं।
वहीं, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य विधान सभा के सभी सदस्यों से ओडिशा की बेटी द्रौपदी मुर्मू को देश के सर्वोच्च पद के लिए सर्वसम्मति से समर्थन देने की अपील की है।
बता दें कि बीजेपी ने मंगलवार को द्रौपदी के नाम की घोषणा कर बताया कि उन्हें एनडीए ने अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है। यशवंत सिन्हा ने अपने राजनीतिक करियर में कई दलों का हाथ थामा। आईएएस अधिकारी रहे यशवंत सिन्हा ने जनता पार्टी के साथ अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की और 1988 में राज्यसभा सदस्य बने। इसके बाद जनता दल में शामिल होकर चंद्रशेखर सरकार में वित्त मंत्री भी रहे। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का साथ थामा और अटल बिहारी वाजपयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्री का कार्यभार संभाला। पिछले साल बीजेपी छोड़कर वह टीएमसी में शामिल हो चुके हैं।