बिहार पुलिस में इन दिनों हड़कंप के हालात हैं। बिहार के दो जिलों सिवान और समस्तीपुर की पुलिस लाइन से भारी मात्रा में हथियार और गोलियां गायब हो गई हैं। बिहार पुलिस ने इस मामले में 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। ये प्राथमिकी रविवार (1 जुलाई) को आनन-फानन में जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद एसपी के आदेश पर दर्ज करवाई गई हैं। अब बिहार पुलिस ने पूरे प्रदेश के सभी पुलिस शस्त्रागारों की जांच का आदेश दिया है। हथियारों में गोलमाल का ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
ऐसे खुला घोटाला: दरअसल बिहार के सिवान जिले की पुलिस लाइन में रूटीन जांच के लिए टीम शस्त्रागार पहुंची थी। जांच में एक रायफल और 9 एमएम की दो पिस्टल कम पाई गईं। कुल 85 कारतूस भी कम पाए गए हैं। इस मामले में एसपी नवीन चंद्र झा के आदेश पर मुफस्सिल थाने में डीएसपी ने शस्त्रागार के अज्ञात प्रभारियों और मुंशियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। सिवान के शस्त्रागार से गायब हथियारों में एक रायफल (.303), 28 कारतूस (.303), दो पिस्टल (9 एमएम), 57 गोलियां (9 एमएम) शामिल हैं। जबकि 383 गोलियां (5.56 एमएम), 2 गोलियां (7.62 एमएम) 35 गोलियां (एके-47), 19 गोलियां (3.8 एमएम) की अधिक मिली हैं।
एक और जिले में मिली अनियमितता: मामला सामने आने के बाद पूरे प्रदेश के सभी पुलिस के हथियारखानों की जांच का अभियान चलाया गया। इसके बाद रविवार (1 जुलाई) को समस्तीपुर के शस्त्रागार से भी बड़ी मात्रा में हथियारों की अनियमितता का मामला सामने आ गया। रविवार को ही आनन-फानन में इस मामले में भी मुफस्सिल थाने में 12 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। पुलिस ने इस मामले में लाइन के सिपाहियों के बयान भी दर्ज किए हैं। समस्तीपुर पुलिस लाइन के हथियारखाने से कार्बाइन की नौ मैगजीन और 4056 गोलियां गायब हैं। सर्वाधिक 3817 गोलियां 9 एमएम की गायब हुई हैं। रायफल की 110, एके 47 की 49 जबकि इंसास की 26 गोलियां गायब हैं।
आनन-फानन में एफआईआर दर्ज: हथियार गायब होने के बाद एसपी दीपक रंजन ने दलसिंह सराय के डीएसपी कुंदन कुमार, मुख्यालय डीएसपी विजय सिंह और मुफस्सिल इंस्पेक्टर राम नरेश पासवान को जांच का जिम्मा दिया। इनकी जांच रिपोर्ट में गोली कम मिलने की बात सामने आई है। इसी मामले में मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। जून 2015 से लेकर अब तक के सारे दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।

कहां गया इतना असलहा?: हथियारखाने में 9 एमएम पिस्टल के 2061 कारतूस हैं। पहले 13972 कारतूस बांटे गए थे। स्टॉक में 19,850 कारतूस होने चाहिए थे, लेकिन 3817 कारतूस कम हैं। इसी तरह इंसास रायफल के 13025 कारतूस थे, कुल 11,880 बांटे गए, स्टॉक में कुल 1145 कारतूस बाकी होने चाहिए थे लेकिन मिले सिर्फ 1,119। एके 47 के 49 और .303 के 110 कारतूस भी लापता हैं। कार्बाइन की 212 मैगजीन हथियारखाने को दी गईं थीं। जिसमें से 128 मैगजीन पुलिसकर्मियों के पास हैं। हथियारखाने में 75 मैगजीन ही मौजूद हैं। कुल 9 मैगजीन भी लापता हैं।
सामने आया क्रिमिनल-पुलिस गठजोड़!: पुलिस की जांच टीम के सामने सिपाही आशीष आनंद ने पुलिस-अपराधी गठजोड़ की पोल खोल दी। उसने बयान दिया है कि सार्जेंट मेजर मिथिलेश सिंह, कोप प्रभारी राजेंद्र गिरि, जमादार उमाशंकर सिंह ने इन गोलियों को अपराधियों को बेच दिया है। ये बयान जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में भी कलमबंद किया है।
ये बनाए गए हैं आरोपी: पुलिस की एफआईआर में सार्जेंट मेजर मिथिलेश कुमार सिंह, कोप प्रभारी भोला प्रसाद चौधरी (रिटायर), देवनंदन दास (रिटायर), राजेंद्र गिरि, हवलदार बच्चनदेव श्रीवास्तव (इन दिनों दरभंगा पुलिस), जमादार उमाशंकर सिंह (इन दिनों मधुबनी), सिपाही आशीष आनंद, संजय शर्मा, रामाशंकर सिंह (मृत) हवलदार विजय गिरि व दो अन्य को आरोपी बनाया गया है।

साख पर उठे सवाल: इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए बिहार पुलिस के एडीजी एसके सिंघल ने बताया,”डीजीपी महोदय के आदेश के मुताबिक बिहार के सभी पुलिस शस्त्रागारों की रूटीन जांच का आदेश दिया गया था। शनिवार (30 जून) को जांच के दौरान सिवान के शस्त्रागार में अनियमितता की सूचना मिली थी। बाद में समस्तीपुर पुलिस लाइन के शस्त्रागार में भी अनियमितता की सूचना मिली है। दो जिलों से हथियार और कारतूस गायब होने की सूचना मिली है। आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। जांच चल रही है।