बिहार के पश्चिमी चंपारण में गुंडों ने ईसाई सुमदाय के लोगों को डराकर मदर मैरी और बेबी जीसस को मूर्ति को बुरी तरह क्षदिग्रस्त कर दिया। खास बात है कि चुहरी के जिस गांव में यह घटना घटी वह सांप्रदायिक एकता के लिए जाना जाता है। चर्च के प्रमुख टेबियस टोप्पो ने एक अखबार को बताया, ‘घटना शनिवार (4 मई, 2019) शाम की है। रविवार को हमने एफआईआर दर्ज कराई।’ उन्होंने बताया कि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। हालांकि सीएम ऑफिस को घटना से अवगत कराया गया है। टोप्पो ने कहा, ‘गांव में ईसाई समुदाय खौफ के साय में है। उनका डर दूर करने के लिए मिशन परिसर में उचित सुरक्षा का होना आवश्यक है। मिशन परिसर में एक घर है और यहां से तीन स्कूल संचालित होते हैं। पटना से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव में 485 ईसाई रहते हैं।’
करीबी चनपटिया पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर मनीष कुमार शर्मा ने बताया, ‘हमें बताया गया है कि एक किशोर ने प्रतिमा पर (परिसर के बाहर से) पत्थर फेंका। हम आरोपी की पहचान करने की कोशिश में जुटे हैं। उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।’ हालांकि टोप्पो का कहना है कि ‘आरोपियों ने हमला कर कांच के बाड़े को तोड़ दिया और मदर मैरी की प्रतिमा और साथ ही उनकी गोद में बेबी जीसस की चार अंगुलियों को क्षतिग्रस्त कर दिया।’ चुहरी से दस किमी दूर बेतिया स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली एडलाइन ने मदर मैरी पर हुए हमले पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, ‘हमारे धर्म पर हमला हमें असुरक्षित महसूस कर रहा है। मुझे सप्ताह में छह दिन घर से बाहर जाना होता है।’ उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय हिंदू और मुसलमान साल 2015 में इसकी स्थापना के बाद से बड़ी संख्या में मोमबत्तियां जलाने के लिए यहां आ रहे थे। इसलिए भी परिसर पर हमला बहुत अशिष्ट था।
हालांकि मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि चुनावों के कारण सुरक्षाबल की कमी के चलते अब तक एक ही गार्ड मिशन पर तैनात था। चुनाव के बाद पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। शर्मा ने बताया कि उन्होंने मिशन से कहा है कि वो परिसर सीसीटीवी कैमरे लगवाएं और निजी सुरक्षागार्ड भी रखें। गौरतलब है कि चुहरी पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र में आता है, जहां 12 मई को मतदान होगा।