जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ पटना के एम्स प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करवाई है। एफआईआर में कन्हैया कुमार और उनके 80-100 समर्थकों को भी आरोपी बनाया गया है। कन्हैया कुमार और उनके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने एम्स के डॉक्टरों के साथ मारपीट और बदसलूकी की है।
ये घटना रविवार (14 अक्टूबर) की रात की है। इस घटना के विरोध में सोमवार (15 अक्टूबर) को एम्स के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन कन्हैया कुमार पर एफआईआर दर्ज होने के बाद डॉक्टर अपने काम पर लौट आए हैं। वहीं एम्स प्रशासन ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग भी की है।
Patna: FIR registered by Patna AIIMS administration against Kanhaiya Kumar, Sushil Kumar, and 80-100 unknown persons at Phulwari Sharif police station over an altercation of the former president of the JNU Student’s Union with junior doctors of hospital yesterday evening. #Bihar
— ANI (@ANI) October 15, 2018
दरअसल रविवार को जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार अपने कई समर्थकों के साथ अपने एक साथी से मिलने के लिए पटना स्थित एम्स अस्पताल आए थे। इसी दौरान कन्हैया के साथ ही उनके कई समर्थकों ने भी अस्पताल में उनके साथ ही वार्ड में घुसने की कोशिश की। वार्ड में उस वक्त डॉक्टर राउंड पर थे और मिलने का वक्त भी पूरा हो चुका था। आरोप है कि कन्हैया कुमार के साथियों ने गार्ड को धमकाने के साथ ही बदसलूकी भी की। आरोप यह भी है कि कन्हैया और उनके साथियों ने महिला नर्सों और डॉक्टरों के साथ भी धक्का—मुक्की की।
अस्पताल परिसर में हुई इस घटना की सूचना मिलने पर डॉक्टर भड़क गए। सोमवार की सुबह उन्होंने कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया। लेकिन इसके बाद भी इमरजेंसी वार्ड में काम चलता रहा। जबकि भर्ती मरीजों की तीमारदारी भी जारी रही। डॉक्टरों ने इसके बाद एम्स प्रशासन से भी मुलाकात की और अपनी सुरक्षा की मांग की।
डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ता देखकर विभाग के मंत्री मंगल पांडेय ने कन्हैया कुमार पर एक्शन का भरोसा दिया था। इसके बाद एम्स प्रशासन की शिकायत पर पटना के फुलवारी शरीफ थाने में कन्हैया कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है।
