बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम पर कार्यवाई के निर्देश दिए हैं। सरकार की तरफ से शेल्टर होम को जमींदोज करने के आदेश दिए गए हैं। इसके लिए मजिस्ट्रेट की निगरानी में कार्यवाई के निर्देश हैं। इसी शेल्टर होम में रहने वाली 30 लड़कियों से यौन हिंसा का मामला सामने आया था। इस बड़ी घटना के सामने आने के बाद बिहार की राजनीति में बवाल मच गया था। मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश सिंह को बनाया गया है। ब्रजेश सिंह अभी जेल में है। इसी मामले में राज्य की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की भी कुर्सी चली गई थी।
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस काफी हाई प्रोफाइल बताया जा रहा था। मामले पर सुप्रीम कोर्ट से कई बार तीखी टिप्पणी सुन चुकी नीतीश सरकार ने अब शेल्टर होम को गिराने का फैसला लिया है। मजिस्ट्रेट की निगरानी में ही इसे जमींदोज किया जाएगा। मजिस्ट्रेस के साथ पुलिस बल भी मौजूद है।
Bihar: Process to destroy Muzaffarpur shelter home begins under Magistrate’s supervision. Over 30 girls living in it were sexually abused according to an audit report by Tata Institute of Social Sciences. Main accused Brajesh Thakur is in jail in connection with the incident. pic.twitter.com/hIo8qaeTCr
— ANI (@ANI) December 13, 2018
मामले पर मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि मामले में मुख्य आरोपी और शेल्टर होम के मालिक ब्रजेश ठाकुर ने वहां अपने ही नियम-कानून चलाता था। अगर शेल्टर होम में रह रही कोई लड़की उसके नियम मानने से इंकार करती थी तो उनके प्राइवेट पार्ट्स पर चोट देकर सजा दी जाती थी। वहां के वॉर्ड्स की हालत भी जेल की कोठरियों जैसी होती थी।
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों का सम्पर्क बाहर की दुनिया से काट दिया गया था। यहा रहने वाली लड़किया चोरी-छिपे घर वालों से बात करने पर बेरहमी से पीटा जाता था। ऐसी स्थिति में लड़कियों को रखकर अपने मुंह बंद रखकर रहने के लिए दबाव बनाया जाता था। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में हुई इस दरिंदगी को भयानक बताया था। शेल्टर होम में लड़कियों से यौन हिंसा और बलात्कार के आरोपों की जांच कर रही सीबीआई की रिपोर्ट को उच्चतम न्यायालय ने ‘भयानक’ और ‘डरावना’ बताया था।