नीतीश कुमार के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को लेकर टिप्पणी करते हुए इसे पति-पत्नी का रिश्ता बताया है, जिसमें भले खटपट हो जाए, लेकिन रिश्ता बरकरार रहता है। गुरुवार (23 जून, 2022) को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों की अलग-अलग विचारधारा है, इसलिए नोंकझोंक होती रहती है, लेकिन इसकी वजह से गठबंधन टूट जाए या सरकार पर कोई प्रभाव पड़े ऐसा नहीं है।
इस पर एक ट्विटर यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पत्नी का मूड खराब था तो पड़ोसी आरजेडी से शादी कर ली थी।
महाराष्ट्र की स्थिति पर क्या बोले जदयू नेता
वहीं, महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही उथल-पुथल को लेकर बिजेंद्र यादव ने कहा कि नीतीश कुमार को पार्टी चलाना आता है इसलिए महाराष्ट्र की तरह यहां जेडीयू के विधायक तोड़ना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि नेता में दम होना चाहिए जो पार्टी जोड़कर रखे। उन्होंने कहा कि जेडीयू का हर नेता और विधायक पार्टी के लिए वफादार है।
अग्निपथ योजना पर बीजेपी-जेडीयू के बीच बयानबाजी
उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां मंत्रिमंडल में एक हैं, एक-दूसरे की सहमति से ही काम होता है। बिजेंद्र यादव का यह बयान ऐसा समय पर आया है, जब सेना में भर्ती के लिए लाई गई “अग्निपथ” योजना को लेकर बीजेपी और जेडीयू नेताओं के बीच बयानबाजियों का दौर चल रहा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में एक-दूसरे के गुलाम नहीं होते, सहयोगी होते हैं इसलिए किसी मुद्दे पर उनकी अलग-अलग राय हो सकती हैं।
अग्निपथ को लेकर जेडीयू नेता के बयान पर भड़की बिहार बीजेपी
जहां, विपक्ष अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग कर रहा है वहीं, बीजेपी के सहयोगी दल जदयू ने भी सरकार को इस योजना पर फिर से विचार करने को कहा है। पार्टी के नेता केसी त्यागी ने कहा कि वे अग्निपथ योजना को वापस लेने के लिए नहीं कह रहे हैं, बल्कि युवाओं की नाराजगी को देखते हुए इस योजना पर दोबारा विचार करने की मांग कर रहे हैं। उनके इस बयान पर बिहार बीजेपी के प्रमुख संजय जायसवाल भड़क गए और नसीहत देते हुए कहा कि जेडीयू को पहले इस पर ध्यान देना चाहिए कि स्नातक की पढ़ाई तीन साल में पूरी हो।
उन्होंने जदयू पर निशाना साधते हुए कहा कि आज, 2019 में नामांकित छात्रों ने अभी तक अपनी द्वितीय वर्ष की परीक्षा नहीं दी है और जदयू अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार करने की बात कर रही है।