जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे नीतीश गुट पार्टी से शरद यादव गुट के लोगों को ठिकाने लगाते नजर आ रहा है। पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने आज (14 अगस्त) को शरद यादव के समर्थक माने जानेवाले 21 नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इनमें कई पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद भी शामिल हैं। वशिष्ठ नारायण सिंह ने जिन लोगों को सस्पेंड किया है, उनमें सबसे ऊपर पूर्व मंत्री रमई राम का नाम है। उनके अलावा सीतामढ़ी के पूर्व सांसद अर्जुन राय भी सस्पेंड होने वालों में शामिल हैं।
इनके अलावा राजकिशोर सिन्हा, पूर्व विधायक- वैशाली, विजय वर्मा, पूर्व विधान पार्षद-मधेपुरा, धनिकलाल मुखिया, जिलाध्यक्ष-सहरसा, सियाराम यादव – राज्य परिषद सचिव, विन्देश्वरी सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्रमिक प्रकोष्ठ, इसराइल मंसूरी- राज्य परिषद सदस्य के अलावा कई जिलाध्यक्ष और प्रखंड अध्यक्ष भी हैं। इन सभी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।
ये रही पूरी लिस्ट:
#Bihar JDU state president Vashistha Narayan Singh suspended 21 party members from their primary memberships over anti-party activities. pic.twitter.com/yEXoYyzOJI
— ANI (@ANI) August 14, 2017
बता दें कि इससे पहले नीतीश गुट शरद यादव को राज्य सभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा चुका है और उनकी जगह नीतीश के खास कहे जाने वाले आरसीपी सिंह को सदन में नेता बनाया है। इनके अलावा राज्यसभा सांसद अली अनवर को भी पार्टी से सस्पेंड किया जा चुका है। पार्टी में निलंबन का दौर आठ अगस्त शुरू हुआ, जब गुजरात राज्य सभा चुनाव में जदयू के एकमात्र विधायक छोटू भाई वासावा ने पार्टी लाइन से हटकर कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को वोट दिया। माना जाता है कि इनके वोट से ही अहमद पटेल की जीत हुई और अमित शाह की सारी रणनीति फेल हो गई। इससे बौखलाए नीतीश गुट ने गुजरात में पार्टी के महासचिव और शरद यादव के करीबी अरुण श्रीवास्तव को महासचिव पद से हटा दिया और पार्टी विरोधी काम करने के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया।
इन सबके बीच, शरद यादव गुट का मानना है कि असली जदयू उनके साथ है और उसके समर्थन में 14 राज्यों के पार्टी अध्यक्ष हैं। इनके अलावा कई सांसद और विधायक भी उनके साथ हैं। यानी कुछ ही दिनों में पार्टी पर वर्चस्व की लड़ाई चुनाव आयोग पहुंचने वाली है।