बिहार का एक थानेदार रिश्वत के फेर में इतना अंधा हो गया कि वो ये नहीं पहचान सका कि सामने कौन खड़ा है। सादी वर्दी में आए एसपी से भी उसने रिश्वत मांग ली। उसके बाद जो हुआ उसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। एसपी का गुस्सा सातवें आसमान पर था और थानेदार उनके पैरों में गिरकर माफी मांग रहा था। लेकिन सजा तो आखिर मिलनी ही थी।

थानेदार की पहचान कसार पुलिस थाने में तैनात एएसआई रनवीर प्रसाद के रूप में हुई है। आरोप है कि वो नाका लगाकर माल ढोने वाले वाहनों से वसूली कर रहे थे। चंडी पहाड़ से ये वाहन पत्थर और गिट्टियां लेकर सप्लाई के लिए जाते थे।

शेखपुरा के एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि उन्हें एएसआई के कारनामों के बारे में लंबे समय से सूचना मिल रही थी। शिकायतें बढ़ीं तो उन्होंने खुद जाने का फैसला किया। वो सादी वर्दी में वहां गए थे। थानेदार उन्हें पहचान नहीं पाया और उनसे ही रिश्वत मांगने लगा। उनका कहना है कि फिलहाल उसे सस्पेंड करके विभागीय जांच बैठा दी गई है। खास बात है कि पंद्रह दिन पहले ही शेखपुरा और पास के एक पुलिस थाने के 8 पुलिस वालों को कार्तिकेय शर्मा ने इसी आरोप में सस्पेंड किया है। लेकिन उसके बाद भी एएसआई को सीख नहीं मिली।

फिल्मों में जो दिखाया जाता है अक्सर वो समाज की ही एक तस्वीर होती है। बात बिहार और यूपी की हो तो ये बात और ज्यादा सटीक बैठती है। काफी अर्से पहले अजय देवगन अभिनीत गंगाजल फिल्म में बिहार से जुड़ा ऐसा ही वाकया दिखाया गया था। फिल्म में अजय देवगन एसपी के रोल में थे। वो अपनी सरकारी कार खराब होने पर बस में जा रहे होते हैं तो पुलिस के जवान चेकिंग के नाम पर लोगों को परेशान करते हैं।

अजय देवगन उनसे कारण पूछते हैं तो वो उन्हें जबरन थानेदार के पास ले जाते हैं। उसके बाद उनके साथ कुछ वैसा ही होता है जैसा बिहार में घटी इस ताजा घटना में हुआ। अजय देवगन भी वैसा ही कदम थानेदार के खिलाफ उठाते हैं जो मौजूदा एसपी ने उठाया।