पिछले महीने ही बिहार के पुलिस महानिदेशक पद पर बैठे गुप्तेश्वर पांडेय ने राज्य की कानून व्यवस्था सुधारने का मैसेज देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया हैै। उन्होंंने फेसबुक लाइव के जरिए अपराध नियंत्रण में जनता से सहयोग मांगा है और पुलिस महकमे के लिए भी जरूरी निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि अपराधियों को अपराध कर मुर्ग-मुसल्लम खाने, ऐश करने का मौका नहीं मिलना चाहिए। भगोड़े अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए उन्होंने पुलिस को कुर्की-जब्ती की कार्रवाई तेज करने और घर खोद कर दरवाजा-खिड़की तक उठा लेने के लिए कहा।
डीजीपी पांडेय ने करीब आधे घंटे के फेसबुक लाइव में राज्य पुलिस के मुखिया का पद मिलने पर नीतीश सरकार का शुक्रिया अदा किया और सुशासन का मतलब भी समझाया। वह कहते हैं कि, ‘सुशासन सरकार की प्राथमिकता है। हर सरकार की प्राथमिकता सुशासन होनी चाहिए’। वह सुशासन का मतलब समझाते हुए कहते हैं कि, ‘अपराध का नियंत्रण होना ही चाहिए। कानून का राज होना चाहिए। वह कहते हैं कि सुशासन में कानून तोड़ने वालों को सजा मिलनी चाहिए’।
वह कहते हैं, ‘ऐसा नहीं है कि कोई अपराध करके मुर्गी-मुसल्लम खाए और ऐश करे। अपराधियों को कानून का भय होना चाहिए’। इसके बाद वह राज्य की जनता से अपने और पुलिस के लिए सहयोगी की भी अपील कर हैं। इसके आगे वह मॉब लिंचिंग की भी बात करते हैं। वह कहते हैं कि अगर राज्य के लोग ऐसा करेंगे तो पूरे देश में बिहार बदनाम होगा। उन्होंने कहा, ‘जात-मजहब के नाम पर अपराध करने वालों को संरक्षण मिलता है। बहुत कम लोग ही ऐसा करते हैं, पर ऐसा नहींं होना चाहिए।’ डीजीपी ने बिहार के पुलिस अधिकारियों से कहा कि अपराधियों पर कहर बनकर टूट पड़ो। अपराधियों और गुंडों में खौफ पैदा करो। कानून की ताकत दिखाकर भय पैदा करो।
वह भागे हुए अपरोधियों को लेकर कहते हैं कि, ‘भगौड़ों के घर जाकर खिड़की वगैरह निकाल लाओ। घर का सारा सामान उठा लाओ। अपराधियों की चल-अचल संपत्ति जब्त कर लो’। उन्होंने ‘गुंडा रजिस्टर’ भी अपडेट करने की अपील की। उन्होंने बताया कि पुलिस रिकॉर्ड में गुंडे 16 तरह के होते हैं। पुलिस उन गुंडोंं का नाम हटाए जो अब किसी कारण से सक्रिय नहीं हैं, रजिस्टर में उन गुंडों के नाम लाएं जो सक्रिय हैं।
