भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुशील कुमार मोदी राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए है। लोकजन शक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद राज्यसभा की सीट खाली हुई थी। अब इस सीट पर सुशील कुमार मोदी को निर्विरोध चुना गया है। रामविलास पासवान के निधन के बाद इस सीट के लिए सुशील कुमार मोदी ही अकेले प्रत्याशी थे। राज्यसभा के लिए चुने जाने के बारे में सुशील कुमार मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी है।

राज्यसभा की इस सीट के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतरे श्यामनंदन प्रसाद ने भी नामांकन किया था। हालांकि शुक्रवार को उनका नामांकन अवैध घोषित कर दिया गया था। बिहार में राज्यसभा चुनाव का सियासी गणित एनडीए के पक्ष में था। एनडीए को 126 विधायकों का समर्थन हासिल है जबकि महागठबंधन के साथ 110 विधायक और सात अन्य हैं। सुशील मोदी का निर्विरोध राज्यसभा उप चुनाव का विजेता घोषित कर दिए जाने के बाद पटना के प्रमंडलीय आयुक्त व राज्यसभा चुनाव अधिकारी संजय अग्रवाल ने पूर्व उप मुख्यमंत्री को प्रमाण पत्र सौंपा।

राज्यसभा का सदस्य बनने के बाद सुशील कुमार मोदी ने एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है। दरअसल बिहार भाजपा से कोई भी नेता अभी तक चारों सदन का सदस्य नहीं बने हैं। हालांकि राजद प्रमुख लालू यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ही चारों सदन के सदस्य जरूर रह चुके हैं। सुशील मोदी बिहार भाजपा के पहले ऐसे नेता होंगे, जिन्हें चारों सदनों का सदस्य होने का सौभाग्य हासिल हो रहा है।

आपको बता दें कि सुशील मोदी वर्ष 1990 में पहली बार पटना सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र के लिए चुने गए थे। फिर 2000 में इसी क्षेत्र जीते अब कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र है। विधायक रहते हुए वर्ष 2004 में भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। 2005 में बिहार में भाजपा विधान मंडल दल का नेता चुने जाने के बाद लोकसभा सदस्य पद से इस्तीफा दिया और बिहार विधान परिषद बने। दूसरी बार 2012 और तीसरी बार जुलाई 2018 में बिहार विधान परिषद का सदस्य निर्वाचित हुए थे। अभी करीब चार वर्ष का कार्यकाल बचा है।