इतना ही नहीं उन्होंने ठेकेदार से अखबार वालों द्वारा रंगदारी मांगने की बात कही। एक पत्रकार ने जब इसका खुलासा करने को कहा तो वे उनसे अखबार का नाम पूछकर और बिफर पड़ी। और बोली ” शटअप “। साथ ही कहा कि पुख्ता सबूत जिस दिन मिलेगा छोडूंगी नहीं। ये शब्द सुन सभी पत्रकार स्तब्ध रह गए। इसके बाद पत्रकारों ने धन्यवाद कहकर वहां से चल दिए।

इससे पहले आयुक्त ने बताया कि भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य निर्मल कुमार द्वारा खुद व टीम भेजकर सैंडिस कंपाउंड में चल रहे स्मार्ट सिटी के कार्य की बगैर अधिकार के जांच की गई है। इनके खिलाफ सरकार को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखने की बात कही। सैंडिस कंपाउंड में एक करोड़ 86 लाख रुपये की लागत से स्विमिंग पूल,स्टेशन क्लब, क्लीवलैंड भवन के जीर्णोद्धार , वॉकवे, लाइटिंग बगैरह का काम चल रहा है।

यह पहले चरण का काम है। इसे अनुभवी कंपनी सिंघल इंटरप्राइजेज को ठेका दिया गया है। यह कंपनी झारखंड में कई बड़ी परियोजना पूरा कर चुकी है। सैंडिस कंपाउंड में ऐसे 30 कार्य कराने को चिंहित किया गया है, जो दूसरे चरण में होगा।

ठेकेदार मीडिया वालों और वहां पहुंचे राजनेता से परेशान हैंं। अनधिकृत तरीके से कार्य की जांच कराई जा रही है। भागलपुर इंजीनियरिंग कालेज से पहले टीम आई , जिसमें अभिषेक चौधरी, अभिषेक कुमार, आराधना कुमारी शामिल थींं। इस बात की आपत्ति कालेज के प्रिंसिपल से नगर आयुक्त जे प्रियदर्शनी ने किया तो वे खुद जांच करने के लिए पहुंच गए। वहां रखी छड़,सीमेंट,ईंट सात-आठ बोरे में भरकर ले गए। आयुक्त ने कहा कि ये किनके कहने पर गए थे? और अपनी जांच रिपोर्ट किसे दी? जबकि कालेज कोविड-19 की वजह से बंद है तो जांच करेगा कौन?

उन्होंने कहा कि उल्लेखनीय है कि प्राचार्य निर्मल कुमार इसी 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैंं। उनकी मंशा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। आयुक्त ने बताया कि ऐसी जांच के लिए पहुंचने वालों के खिलाफ ठेकेदार एफआईआर दर्ज कराएंं। ऐसा उन्हें कहा गया है । ऐसे लोग शहर के विकास में रोड़ा हैंं। एक तो कोविड-19 की वजह से स्मार्ट सिटी का कार्य पिछड़ गया है। दूसरी ओर बदनाम व कार्य में रुकावट पैदा करने की लोग कोशिश कर रहे हैंं। पर ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।

आयुक्त वंदना किन्नी ने बताया कि कमांड एंड कंट्रोल का कार्य भी इसी सिंघल कंपनी को दिया गया है। इसका कार्य भी नवंबर 2021 तक पूरा करने को कहा गया है। दो महीने में कम से कम 50 फीसदी कार्य पूरा कर लेने का भरोसा कंपनी ने दिया है। वरना उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। ट्रिपल सी इमारत नीचे तल के अलावे पांच मंजिला होगी।

इसके बनने के बाद शहर की सुरक्षा और यातायात की समस्या से निजात मिल जाएगी। इसके साफ्टवेयर का काम बेल्ट्रान करेगी। ठोस कचरा प्रबंधन का कार्य भी आसान होगा। तीसरी योजना शहर की 18 सड़कों को स्मार्ट बनाने की है। इसका ठेका भी श्रीराम इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी को दिया गया है, जिसे अगले साल सितंबर तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।

आयुक्त ने चौथी योजना टाउन हॉल का पुनर्निर्माण कराने की बताई। वर्तमान टाउन हॉल जर्जर हो चुका है। यह कार्य 15 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। टेंडर प्रक्रिया भी 18 दिसंबर को पूरी कर ली गई है। पांचवींं योजना सरकारी इमारतों पर सोलर ऊर्जा प्लेट लगाने का कार्य पूरा होने पर उन्होंने संतोष जताया। यह प्रथम चरण में आयुक्त कार्यालय,सेल्स टैक्स दफ्तर,डीडीसी, डीआरडीए कार्यालय,जिला निर्वाचन व कोषागार भवन, नगर निगम इमारत, एसएम कालेज में स्थापित किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि जेएलएन भागलपुर मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को रात गुजारने का कोई इंतजाम नहीं है। इसकी रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है। एक सौ विस्तर का विश्रामालय इस योजना के तहत जल्द तैयार किया जाएगा। गंगानदी दर्शन के घाट निर्माण का काम दूसरे चरण में फंड उपलब्ध होने पर कराया जाएगा।

चल रही योजनाएं पूर्ण होने के बाद का रूप कैसा होगा, इसकी फोटो भी उन्होंने दिखाई। साथ ही बताया कि ये सभी स्मार्ट सिटी निदेशक मंडल से मंजूर होने के बाद धरातल पर उतर रही है। इन निदेशको का चयन भारत सरकार ने अनुभवों के आधार पर किया है। ये लोग बड़ी कम्पनियों के निदेशक भी हैंं।

आयुक्त किन्नी ने बताया कि स्मार्ट सिटी भागलपुर का लेखा परीक्षण व अंकेक्षण का काम अद्यतन है। भागलपुर इस मामले में अव्वल है। स्मार्ट सिटी के रिक्त पद भी जल्द भर लिए जाएंगे। वैसे 25-30 पद चयन की प्रक्रिया पूरी कर भरे भी गए हैंं। बिहार में चुनाव संपन्न हो चुका है। अब ज्यादा ध्यान भागलपुर को स्मार्ट सिटी बनाने पर लगाएंगे।