सेना में भर्ती के लिए सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर आर्मी अभ्यर्थियों का विरोध तेज होता जा रहा है। गुरुग्राम से लेकर बिहार तक छात्रों ने बवाल मचाया हुआ है। योजना को लेकर सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि 3 से 4 साल तक वह परीक्षा की तैयारी करते हैं, फिर चार साल के लिए नौकरी होगी तो इसका कोई मतलब नहीं है।
बिहार के कटिहार में प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने हमारी जिंदगी बर्बाद कर दी है। सरकार ने आज एक सैनिक की कीमत लगाई है। छात्र ने कहा कि एक अच्छा सैनिक बनने में चार साल का समय लगता है। सेना मशीन थोड़े ना है कि इधर से घुसाए और उधर से सैनिक निकाल दिए।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा, “जब सेना में भर्ती होते हैं, तो कभी सरकार से मांग की कि हमें इतना वेतन दीजिए? लेकिन, आज सरकार ने एक सैनिक की कीमत लगा दी, 10 लाख रुपये। हमारा ही पैसा काटकर 10 लाख रुपए कीमत लगा दी।”
वहीं, उत्तर प्रदेश के बक्सर जिले में भी योजना को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। यहां एक छात्र ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पेंशन काटनी है तो 2-3 लाख सैलरी पाने वाले मंत्रियों की काटिए। उन्होंने कहा कि जिस देश की सेना और युवा सुरक्षित नहीं है, तो वो देश क्या पहाड़ पर जाएगा?
उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि एक मिडिल क्लास परिवार अपनी खून-पसीने की कमाई लगाकर बच्चे को फौज में भेजने का सपना देखते हैं और सरकार जो मर्जी कानून बना रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर युवाओं की बात सुनी नहीं जाएगी तो प्रदर्शन जारी रहेगा।
बिहार के एक और छात्र ने आरोप लगाया कि ऐसा करके युवाओं को अपराधी और नक्सली बनने की तरफ धकेला जा रहा है। उन्होंने अग्निपथ स्कीम को टूर ऑफ ड्यूटी करार देते हुए कहा कि कोई लड़का जाएगा ड्यूटी करने, चार साल बाद वापस आएगा ट्रेनिंग लेकर तो पुलिस नहीं पकड़ पाएगी, तो अपराधी और नक्सली ही बनेगा ना।