Republic Day Celebration: दिल्ली में 26 जनवरी को होने वाली परेड में लगातार सातवें साल बिहार की झांकी दिखाई नहीं देगी। कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) में इस बार भी बिहार की झांकी को शामिल नहीं किया गया है। केंद्र की विषय विशेषज्ञ समिति ने ‘गयाजी बांध’ थीम पर आधारित प्रस्तावित झांकी को खारिज कर दिया है।
Republic Day Parade: लगातार सातवें साल नहीं दिखेगी Bihar की झांकी
नयी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार लगातार सातवें साल भी बिहार की झांकी नहीं दिखेगी। दरअसल, राज्य सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने गया में फल्गु नदी पर बने रबर डैम को बिहार की झांकी के रूप में पेश करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे केंद्र सरकार की एक्सपर्ट कमेटी ने खारिज कर दिया। इसकी वजह इसे झांकी के मानकों पर खरा नहीं उतरना बताया जा रहा है। बिहार के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने बताया कि प्रस्तावित झांकी गणतंत्र दिवस परेड के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करती है। ऐसे में इसे परेड का हिस्सा नहीं बनाया गया।
JDU बोली मोदी सरकार बिहार विरोधी
वहीं, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव सिंह ललन ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा कि यह केंद्र का बिहार विरोधी नजरिया दिखाता है। केंद्र दिखाना चाहता है कि बिहार में कुछ नहीं हो रहा है। उसे बिहार के विकास, यहां की नयी सोच और बड़ी योजनाओं से नफरत है।
Bihar की ओर से भेजा गया था एक ही प्रस्ताव
बिहार सरकार की तरफ से भेजा गया यह इकलौता प्रस्ताव था, जबकि कुछ राज्यों ने कई प्रस्ताव भेजे थे। छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल की तरफ से चार-चार प्रस्ताव भेजे गए थे। अधिकारी ने कहा कि इस विषय का चुनाव इसलिए किया गया था क्योंकि इसका सांस्कृतिक महत्व है। हालांकि, ‘गयाजी डैम’ पर आधारित थीम को केंद्र की कमेटी ने रिजेक्ट कर दिया। अधिकारी ने बताया कि चयन प्रक्रिया के लिए 4 से 5 बैठक हुई। हालांकि, रक्षा मंत्रालय की ओर से सौंपी गई विशेषज्ञ समिति के साथ दो दौर की बैठक के बाद, हमें दूसरे दौर के लिए आमंत्रित ही नहीं किया गया।
इससे पहले 2022 में बिहार की तरफ से गणतंत्र दिवस समारोह के लिए झांकी का जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसकी थीम थी गांधी के पदचिह्नों पर अग्रसर बिहार। 2021 और 2020 के लिए जल-जीवन-हरियाली की थीम भेजी गयी थी। वहीं 2019 में शराबबंदी की थीम का प्रस्ताव भेजा गया था।