Bihar Bridge: पिछले एक-दो महीनों में बिहार में गिरते और ढहते पुलों की काफी चर्चा हो रही थी। लेकिन अब रानीगंज के एक गांव के खेत में ऐसा पुल बना है, जिसके बनने को लेकर काफी सवाल खड़े हो रहे हैं। इसमें दोनों तरफ कोई भी रास्ता नहीं है। ना ही चढ़ने का रास्ता है और ना ही उतरने का रास्ता है। जिला प्रशासन ने इस पुल के निर्माण को लेकर रूरल डेवलेपमेंट डिपार्टमेंट से रिपोर्ट मांगी है।

अधिकारियों के मुताबिक, सीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत परमानंदपुर गांव में 2.5 किलोमीटर लंबी सड़क पर काम शुरू हो गया था। लेकिन स्थानीय किसानों की वजह से जमीन का अधिग्रहण नहीं हो सका था। यह पुल भी इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है और इसका मकसद सड़क बनने के बाद भी खेत के एक तरफ से दूसरी तरफ पानी का रास्ता बनाना था।

35 फुट का बना पुल

पुल उसी जगह पर बना जहां पर पहले जमीन का अधिग्रहण हो चुका था, लेकिन सड़क बनाने का काम अभी तक पूरा नहीं हो सका था। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह थी कि जमीन के अधिग्रहण का काम पूरा नहीं हो पाया था। रूरल डेवलेपमेंट विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जमीन अधिग्रहण कर पहले सड़क बनाने से पहले रूरल डेवलेपमेंट डिपार्टमेंट ने जमीन के एक छोटे से हिस्से पर 35 फुट का पुल बना दिया। इसके बाद प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाई।

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हालांकि, गांव के लोगों को इस प्रोजेक्ट के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं थी और वे खेत के बीच में बने पुल को देखकर काफी हैरान थे। गांव के रहने वाले एक शख्स कृत्यानंद मंडल ने कहा कि इस पुलिया को करीब छह महीने पहले बनाया था। हमें लगा कि ये किसी बड़े प्रोजेक्ट का भाग है, लेकिन जब आगे कोई काम नहीं हुआ और भविष्य के किसी भी प्रोजेक्ट के बारे में कोई भी इशारा नहीं मिला तो हम इसे सरकार के संज्ञान में लाना चाहते थे।

अररिया के डीएम ने मांगी रिपोर्ट

अररिया के डीएम इनायत खान ने कहा कि मैंने रूरल डेवलेपमेंट विभाग के इंजीनियरों से इस प्रोजेक्ट के बारे में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि पुल का काम ठीक से किया गया या नहीं, उचित सावधानियां बरती गई या नहीं। सभी चीजों को लेकर जांच की जा रही है। डीएम ने कहा कि हम पूरी सच्चाई जानने के लिए रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि काम बीच में ही शुरू कर दिया गया था। किसी भी मामले में हमें जल्दी ही प्रोजेक्ट के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। प्रोजेक्ट की कीमत अभी तक तय नहीं की गई है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि जमीन पर अधिग्रहण का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है।