बिहार के रोहतास जिले में दो दिन से लापता 12 वर्ष का एक बालक सोन नदी पर बने पुल के पिलर और स्लैब के बीच में फंसा हुआ मिला था। एनडीआरएफ की टीम ने करीब 20 घंटे तक लगातार प्रयास करके उसको निकाल तो लिया, लेकिन अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
जिले के खिरिया गांव के शत्रुधन प्रसाद का 12 वर्षीय बेटा रंजन दो दिन से लापता था। घर वालों ने उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसी बीच गांव की एक महिला ने आकर घर वालों को बताया कि नसरीगंज के पास सोन नदी पर बने पुल के पिलर संख्या 1 और स्लैब के बीच रंजन फंसा हुआ है। महिला को रंजन रोते हुए दिखाई दिया था।
इसकी जानकारी मिलने पर हड़कंप मच गया। घर वालों ने सूचना पुलिस विभाग को दी तो उसको बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) की टीम को फौरन लगाया गया। एनडीआरएफ की टीम बीस घंटे से भी ज्यादा समय तक उसको बचाने में लगी है। इस दौरान रंजन स्लैब में दबे-दबे कई बार अचेत भी हो गया था।
घटना की जानकारी पर मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि वह वहां तक कैसे चला गया था। घर वालों का कहना है कि पिछले काफी समय से रंजन की मानसिक दशा ठीक नहीं है। वह इधर- उधर भटकता रहता है।
उधर, मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के बोरवेल में फंसी ढाई साल की लड़की को आखिरकार तीसरे दिन गुरुवार की शाम को बड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल लिया गया, लेकिन अस्पताल ले जाने पर उसकी मौत हो गई। एक अधिकारी ने कहा कि सहयोगियों की मदद से बोरवेल से बाहर निकालने के तुरंत बाद उसे एक एम्बुलेंस में जिला अस्पताल ले जाया गया था। बच्ची को बचाने के लिए लोग लगातार प्रार्थना करते रहे, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी बचावकर्मी बच्ची को बचा नहीं पाए।
