बिहार की राजनीति में हुए नए बदलाव के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर शिवसेना का जिक्र करते हुए तंज कसा कि जो टैबलेट रखेंगे वहीं टैबलेट न खाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र में आराम से फेरबदल हुआ, वैसे ही बिहार में भी हो गया।

न्यूज 24 के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जैसे महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को ले गए घूमते-घूमाने के लिए, फिर शिवसेना के विधायक भी वो अपने खर्चे पर घूमने के लिए गए गुवाहाटी पहुंच गए। वहां उनकी ही सरकार थी। किनके संरक्षण में रहे। सब बहुत ही स्मूथली हो गया।

इस पर एंकर ने कहा कि तो आपने बीजेपी की मेडिसिन बीजेपी को ही दे दी, तो ललन सिंह बोले कि बीजेपी जो मेडिसिन इस्तेमाल करेगी, वही टैबलेट तो खाएगी।

इस दौरान उन्होंने आरजेडी के साथ गठबंधन करने के सवाल पर कहा कि इस बारे में तेजस्वी यादव से पहले कोई बात नहीं हुई सब एकदम से हो गया। उन्होंने कहा कि एक मीटिंग बुलाई गई, जिसमें इस्तीफा देने की बात हुई और उधर, तेजस्वी यादव की विधायक दल की मीटिंग हुई और इसके बाद उन्होंने फोन किया।

वहीं, 2024 में नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के सवाल पर ललन सिंह ने कहा, “हमने तो कभी नहीं कहा कि मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हैं।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उम्मीदवार होना और प्रधानमंत्री की योग्यता रखना। दोनों अलग-अलग चीजें हैं।

ललन सिंह ने कहा, “हम कहते हैं कि नीतीश कुमार में वो सारी योग्यताएं हैं, जो इस देश को चला सकें, लेकिन वो पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि हमने नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि उन्हें सभी विपक्षी दलों से बात करके एक मंच पर लाना चाहिए, तभी 2024 का चुनाव चुनौतीपूर्ण होगा।

गौरतलब है कि जेडीयू ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़कर आरजेडी के साथ महागठबंधन की सरकार बनाई है। उन्होंने बुधवार को आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। बिहार की सत्ता में आए इस बदलाव के बाद भारतीय जनता पार्टी नीतीश से काफी नाराज है।