Bihar Bridge Collapsed: बिहार में बारिश के बीच लगातार पुल ढह रहे हैं। इस मामले में अब बिहार सरकार ने एक्शन लिया है। लापरवाही के चलते 15 इंजीनियर्स को सस्पेंड कर दिया गया है। जिसमें जल संसाधन विभाग के 11 और ग्रामीण कार्य विभाग के 4 इंजीनियर शामिल हैं। साथ ही सरकार ने दो पुल बनाने वाली कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें पूछा गया है कि उन्हें ब्लैक लिस्ट क्यों ना किया जाए।
18 जून से अब तक राज्य भर में किशनगंज , अररिया , मधुबनी , पूर्वी चंपारण, सीवान और सारण में 10 पुल ढह गए हैं या धंस गए हैं। 9 पुलों-पुलियों में से चार अकेले सीवान में गिरे थे। कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा दोषी ठेकेदारों और बनाने वाली कंपनियों को ब्लैक लिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू करने के अलावा सरकार उनमें से कुछ का पेमेंट भी रोक रही है।
इंजीनियरों पर गिरी गाज
सरकार ने कहा कि राज्य के अलग-अलग जिलों में कुल 9 पुल और पुलिया ढह गई हैं। इनमें से 6 पुल और पुलिया बहुत पुरानी थीं और तीन पुल और पुलिया ऐसे थे जो बन ही रहे थे। जल संसाधन विभाग ने एग्जीक्यूटीव इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर समेत 11 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। ग्रामीण कार्य विभाग ने भी अपने चार वर्तमान एवं पूर्व इंजीनियरों को अपना काम सही से नहीं करने और लापरवाही बरतने की वजह से सस्पेंड कर दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इससे पहले बिहार में सभी बनने वाले पुलों और पुराने पुलों के संबंध में दो हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी थी।
पुल गिरने पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
इन घटनाओं ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। नीतीश सरकार विपक्ष के साथ आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है कि इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए। भवन निर्माण मंत्री अशोक कुमार चौधरी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर राज्य के सड़क निर्माण और भवन निर्माण मंत्री रहते हुए पुल रखरखाव के लिए मजबूत नीति नहीं बनाने का आरोप लगाया। वहीं बाद वाले ने कहा ये केतली को काले बताने के जैसा मामला है। आरजीडी नेता तेजस्वी यादव ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है, लेकिन पिछले 20 दिनों में राज्य में एक दर्जन से ज्यादा पुल गिर गए हैं।