चुनाव आयोग ने घोषणा की कि बिहार के वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट, जो चल रहे SIR अभियान के तहत संकलित किया गया था, शुक्रवार को प्रकाशित कर दिया गया। साथ ही आयोग ने यह भी बताया कि ये लिस्ट अब आयोग के पोर्टल पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं और राज्य के 38 जिलों के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को फिजिकल और डिजिटल दोनों फॉर्म में डिस्ट्रीब्यूट की जा रही हैं।
निर्वाचन निकाय ने बताया कि बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) और सभी 243 निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) अब 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच मतदाताओं और राजनीतिक दलों से दावे और आपत्तियां आमंत्रित कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया, “विधानसभा क्षेत्र का कोई भी मतदाता या कोई भी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल छूटे हुए पात्र मतदाताओं को शामिल करने, अपात्र नामों को हटाने या ड्राफ्ट लिस्ट में किसी भी अशुद्धि को ठीक करने के लिए दावे प्रस्तुत कर सकता है।”
एक महीने की अवधि के दौरान, मतदाता और राजनीतिक दल ईआरओ के पास संबंधित फॉर्म दाखिल कर सकते हैं। इस प्रक्रिया की निगरानी राज्य भर में तैनात 243 ईआरओ और 2,976 सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) करेंगे।
प्रकाशित ड्राफ्ट लिस्ट को लेकर क्या हैं चुनाव आयोग के दिशानिर्देश
आयोग ने स्पष्ट किया कि एसआईआर दिशानिर्देशों के तहत, प्रकाशित ड्राफ्ट लिस्ट से बिना उचित सूचना और संबंधित ईआरओ या एईआरओ के आदेश के किसी का नाम नहीं हटाया जा सकता। अधिकारी ने कहा, “अगर कोई मतदाता ईआरओ के फैसले से असंतुष्ट है तो वह जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास अपील कर सकता है।” ऐसी अपीलें दाखिल करने में नागरिकों की सहायता के लिए स्वयंसेवकों को भी प्रशिक्षित किया गया है।
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आयोग ने आगे बताया कि प्रकाशित ड्राफ्ट लिस्ट में वे सभी पात्र मतदाता शामिल हैं जिन्होंने अपने फॉर्म जमा किए थे। मृत मतदाताओं, पलायन करने वालों और जिन व्यक्तियों का पता नहीं चल सका, उनकी लिस्ट समीक्षा के लिए सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ पहले ही शेयर कर दी गई हैं।
क्या है SIR प्रक्रिया का उद्देश्य?
अधिकारियों ने बताया कि गणना प्रक्रिया के दौरान लगभग 22 लाख मृत मतदाताओं, 7 लाख डुप्लिकेट प्रविष्टियों और 35 लाख ऐसे मतदाताओं की पहचान की गई जो या तो स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं या जिनका कोई पता नहीं चल पाया है। एक अधिकारी ने कहा, “एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य आगामी चुनावों से पहले एक सटीक और अद्यतन मतदाता सूची तैयार करना है, और सभी प्रस्तुतियों की समीक्षा के बाद अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी।” पढ़ें- बिहार में नहीं रुक रहा क्राइम! पटना के AIIMS में तैनात नर्स के बच्चे को जिंदा जलाकर मारा