बिहार में कोसी नदी इन दिनों उफान पर है। ऐसे में भागलपुर में शनिवार को कोसी नदी पर बन रहा पुल का पाया बह गया। जिसको लेकर लोगों ने सीएम नीतीश कुमार पर अपनी भड़ास निकाली है। बता दें कि कोसी नदी पर 6.94 किलोमीटर लंबा फोरलेन पुल बन रहा है। वहीं नदी में उफान के चलते पाया बहने से इस पुल को बनाने वाली कंपनी एफकॉन को करीब 3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इसको लेकर सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार को लोगों ने सुशासन बाबू की जगह कु-शासन बाबू कहना शुरू कर दिया है। वहीं एक अन्य यूजर प्रकाश(@bapuhube) ने लिखा, ठेकेदार को फिर से पैसा मिलेगा, डीएम को कमीशन, विधायक को कमीशन, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को कमीशन मिलेगा। दिक्कत तो बस आम आदमी को झेलना होगा।
वैभव(@vaib_says) ने लिखा, “एक ही जिले में 1 साल के भीतर ऐसा दूसरी बार हो रहा है, ये क्या हो रहा है।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “बिहार विकास मॉडल फ्रॉम नीतीश कुमार।”
बता दें कि इस पुल का एक पाया हरिओ के त्रीमुहान घाट के करीब शनिवार कोसी नदी के तेज बहाव में बह गया। जानकारी के मुताबिक बीते 10 जून से कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हुई। इसके बाद 12 जून से कोसी नदी में पानी का बहाव तेज देखा गया। वहीं पिछले 14 घंटे में 10 लाख 34 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। ब्रिज का पाया बहने का यह मुख्य कारण माना जा रहा है।
वहीं ब्रिज निर्माण प्रोजेक्ट मैनेजर ने जानकारी दी कि कोसी नदी पर सात किलोमीटर लंबा मेजर ब्रिज ओवर बनाया जा रहा है। पुल निर्माण पर करीब 828 करोड़ रुपये खर्च होगा। बहने वाले पाया की जगह दूसरा पाया बनाया जाएगा।
कैसे मिला CM नीतीश को सुशासन बाबू का तमगा: दरअसल प्रदेश में आरजेडी शासन के हटने के बाद से बिहार में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री के तौर पर पुलिस प्रशासन को सख्त करने और अपराध पर नकेल कसना शुरू किया। जिसके चलते बिहार में अपराध का ग्राफ कम होने लगा। जमीनी स्तर पर सुधार भी दिखने लगे। इसके बाद से ही नीतीश कुमार को ‘सुशासन’ बाबू कहा जाने लगा।