बिहार में एक महिला आईएएस अधिकारी हरजोत कौर बम्हरा अपने एक बयान को लेकर चर्चाओं में हैं। उन्होंने लड़कियों को सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जल्द ही वे सरकार से मुफ्त कपड़े या गर्भनिरोधक भी मांग सकते हैं। मंगलवार को पटना में “सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार” पर आधारित एक वर्कशॉप के दौरान उन्होंने यह बयान दिया, जिस पर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने उनसे जवाब मांगा है।
वर्कशॉप के दौरान, एक छात्रा ने हरजोत कौर बम्हरा से सवाल किया, “जब सरकार हमारे लिए इतनी सारी चीजें कर रही है, जिसमें हमें पोशाक और छात्रवृत्ति देना शामिल है, तो वह सैनिटरी पैड क्यों नहीं दे सकती, जिसकी कीमत सिर्फ 20 रुपये से 30 रुपये होगी?”
उनके सवाल पर वहां मौजूद लोग तालियां बजान लगे। बम्हरा ने जवाब देते हुए कहा कि ताली बजाने वालों को पता होना चाहिए कि ऐसी मांगों का कोई अंत नहीं है। उन्होंने कहा, “कल आप कहेंगे कि सरकार जींस पैंट भी दे सकती है। और उसके बाद कुछ सुंदर जूते क्यों नहीं?” बम्हरा ने कहा, “फिर जब परिवार नियोजन की बात आएगी, तो आप सरकार से अपेक्षा करेंगे कि वह आपको परिवार नियोजन के तरीके और गर्भनिरोधक भी देगी। सब कुछ मुफ्त में लेने की क्या जरूरत है?”
उन्होंने कहा कि सरकार पहले से ही काफी कुछ नागरिकों को मुहैया करा रही है और उनसे हर चीज की उम्मीद करना गलत है। मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी बम्हरा से उनकी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण मांगा है। एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट कर कहा, “एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने हरजोत कौर बम्हरा को पत्र लिखकर उनके अनुचित बयान के लिए लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। जवाब सात दिनों के भीतर आयोग को सूचित किया जाना चाहिए।”
बम्हरा की प्रतिक्रिया की राज्य सरकार के अधिकारियों सहित कई लोगों ने आलोचना की है। बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने कहा कि अधिकारी को लड़कियों को हतोत्साहित नहीं करना चाहिए था। बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा, “आईएएस अधिकारी को अलग तरह से जवाब देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने छात्रा का अपमान किया।” वहीं, बीजेपी की तरफ से भी इस पर प्रतिक्रिया आई है। भाजपा नेता संतोष पाठक ने कहा, “अधिकारी ने जिस तरह से बात की वह बहुत गैर जिम्मेदाराना और असंवेदनशील थी।”