बिहार (Bihar) में जहरीली शराब पीने के कारण 78 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन पोस्टमॉर्टम (Postmortem) सिर्फ 37 लोगों का हुआ है। बाकी 41 लोगों का शव उनके परिजनों ने बिना पोस्टमॉर्टम के जला दिया। सारण जिले (Saran District) में 72 लोगों की मौत हुई है और सीवान (Sivan) में 6 लोगों की मौत हुई है। लेकिन सारण जिले के डीएम के अनुसार जिले में सिर्फ 26 लोगों की ही मौत हुई है। वहीं पोस्टमॉर्टम हाउस में सिर्फ 36 शवों का ही पोस्टमॉर्टम हुआ, जिनका विसरा जांच के लिए सुरक्षित रखा है।

सारण में 36 का पोस्टमॉर्टम जबकि सीवान में केवल 1 का

भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक सारण में 72 में से 36 लोगों का ही पोस्टमॉर्टम हुआ। जबकि 36 मृतकों के परिजनों ने उनके शव बिना पोस्टमॉर्टम के ही जला दिए। वहीं सीवान में 6 मृतकों में सिर्फ एक का ही पोस्टमॉर्टम हुआ। बाकी 5 के शवों का अंतिम संस्कार उनके परिजनों ने बिना पोस्टमॉर्टम के ही कर दिया।

सारण जिले में 42 लाशें पोस्टमॉर्टम के लिए आईं थीं लेकिन 6 मृतकों के परिजन लाश लेकर भाग गए, जबकि 36 का पोस्टमॉर्टम हुआ। बता दें कि इसी वर्ष सारण के मकेर में 18 लाश पोस्टमॉर्टम के लिए पहुंचा था, लेकिन 7 लोगों के परिजन लाश लेकर भाग गए और केवल 11 लाश को विसरा जांच के लिए भेजा गया। वहीं 11 में से 9 की मौत जहरीली शराब पीने के कारण हुई थी। इनकी रिपोर्ट भी 94 दिनों बाद आई थी और इस कारण भी लोग विसरा जांच करवाने से दूर भागते हैं।

‘ऑपरेशन क्लीन ड्राइव’ चला रहा सारण प्रशासन

बता दें कि बड़ी संख्या में जहरीली शराब पीकर मरने वालों के कारण 16 दिसंबर से प्रशासन सारण में ‘ऑपरेशन क्लीन ड्राइव’ चला रहा है। इसमें शराब बेचने और शराब पीने वालों की पहचान की जा रही है। साथ ही उन लोगों के परिजनों से भी बातचीत की जा रही है, जिनकी मौत हुई है।

वहीं आरोप लग रहा है कि मशरख थाने से स्प्रिट की सप्लाई की गई है और इससे जहरीली शराब बनाने की शंका जताई गई है। यहां थाने में स्प्रिट के कंटेनर से बड़ी मात्रा में स्प्रिट गायब है, जिसकी सूचना ग्रामीणों ने उत्पाद विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक को दी। इसकी जांच जारी है।