रोहतास जिले में ट्रायल के दौरान गिरे रोपवे को लेकर अब बड़ा एक्शन लिया है। बिहार पथ निर्माण मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार ने दो इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है और रोपवे बनाने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
मंत्री ने कहा, “जांच में ठेकेदार और विभाग के इंजीनियरों की बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि ट्रायल के दौरान टेक्निकल कमियों के साथ-साथ सुरक्षा मानकों और निर्धारित प्रक्रियाओं का उल्लंघन पाया गया है।”
26 दिसंबर को गिरा था रोपवे
रोहतासगढ़ किले तक आसानी से पहुंचने के लिए यह रोपवे परियोजना बनाई जा रही। 26 दिसंबर को इसका ट्रायल किया जा रहा था, इसी दौरान इसके टावर और चार केबिन धराशायी हो गए। गनीमत रही कि घटना में जानमाल को नुकसान नहीं पहुंचा। घटना के बाद नीतीश सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए।
यह रोपवे कोलकाता की रोपवे और रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड (RRPL) द्वारा बनाई जा रही थी। क्षेत्र में टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस प्रोजेक्ट का निर्माण हो रहा था। यह रोहतास ब्लॉक से ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किले और रोहितेश्वर धाम को जोड़ती। रोपवे की लंबाई 1,324 मीटर है, इसमें 18 केबिन होंगे। प्रत्येक केबिन चार यात्रियों को ले जा सकेगी। यह टूरिस्ट के लिए जनवरी 2026 में शुरू किया जाना था।
वायर खिसकने की वजह से हुआ हादसा
मंत्री ने कहा कि केबिन के लौटने के दौरान वायर रोप खिसकने से एक टावर को नुकसान पहुंचा। उन्होंने कहा, “लोड ट्रायल के दौरान जब केबिन लौट रहे थे तो वायर रोप खिसक गई, इस कारण टावर नंबर पांच को नुकसान हुआ है।”
आगे कहा कि ट्रायल के दौरान टर्मिनल प्वाइंट या क्षतिग्रस्त टावर के पास ठेकेदार की ओर से कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। मंत्री ने कहा, “जांच में पाया गया कि बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के यह ट्रायल किया जा रहा था। महत्वपूर्ण स्थान पर न ही ठेकेदार का कोई व्यक्ति न ही टेक्निकल कर्मी मौजूद था। यह घोर लापरवाही के बराबर है।”
दो इंजीनियर निलंबित और कंपनी होगी ब्लैकलिस्ट
पथ निर्माण मंत्री ने कहा, “जांच के आधार पर सरकार ने प्रोजेक्ट इंजीनियर और प्रोजेक्ट से जुड़े जूनियर इंजीनियर को निलंबित करने का फैसला लिया है। साथ ही निर्माण कंपनी को भी ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।”
आईआईटी पटना की टीम करेगी आगे की जांच
मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार रोपवे के लोड डिस्ट्रीब्यूशन और स्ट्रक्चरल प्लान की अतिरिक्त जांच के लिए आईआईटी पटना के विशेषज्ञों की एक टीम नियुक्त की है। आईआईटी पटना से कहा गया है कि वह पता लगाएं कि क्या स्ट्रक्चरल डिजाइन या लोड डिस्ट्रीब्यूशन में गलती है, जिसकी वजह ये यह हादसा हुआ। इसकी रिपोर्ट जल्द प्राप्त की जाएगी।”
यह परियोजना सड़क निर्माण विभाग के उपक्रम बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के तहत करीब 13 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाई जा रही थी। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह रोपवे परियोजना फरवरी 2020 से ही बार-बार देरी का सामना कर रही है।
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