बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने सीपीआई के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद दिवंगत कमला मिश्रा मधुकर की बेटी शालिनी मिश्रा को टिकट दिया है। शालिनी भी पूर्व में सीपीआई में थीं मगर इस साल फरवरी में उन्होंने वामपंथी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वो जेडीयू में शामिल हो गईं। जेडीयू में शामिल हुई शालिनी को पूर्वी चंपारण में केसरिया से उम्मीदवार बनाया गया है।

दिवंगत नेता की बेटी शालिनी ने सीपीआई छोड़ने से पहले पार्टी आलाकमान कई आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनके पिता के योगदान को मिटाने की कोशिश की। पार्टी को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा था कि मैंने सीपीआई को हमेशा अपना परिवार माना लेकिन मुझे यहां छला जाता रहा। कई मौकों पर मुझे अपमानित भी किया गया। मेरे पिता के योगदान को मिटाने की कोशिश भी की गई। मुझे उम्मीद थी कि पार्टी मेरे कार्यों का मूल्यांकन करेगी। मैं 2019 के लोकसभा चुनाव में चुप रही जब पार्टी की बैठक में राज्य सचिव ने मेरी बातों को सुनने के बजाय पार्टी से बाहर निकालने की धमकी तक दी।

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बकौल मिश्रा मैंने इस अपमान को भी सह लिया था, मगर मेरे पिता के नाम को मिटाने की कोशिश की जाने लगी। मेरे पिता ने सीपीआई और चंपारण के लिए जितना काम किया है उसे कोई मिटा नहीं सकता। बता दें कि शालिनी ने मार्केटिंग में एमबीए किया है और 22 साल तक विभिन्न कंपनियों को अपनी सेवाएं देती रही हैं। पूर्व सीपीआई नेता शालिनी ने कहा कि वो सीएम नीतीश कुमार से प्रभावित होकर जेडीयू में शामिल हुई हैं।

केसरिया से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद शालिनी लगातार अपने चुनाव क्षेत्र के दौरे कर रही हैं। अलग-अलग इलाकों में सीएम नीतीश कुमार के कामों तक लोगों तक पहुंचा रही हैं। इस बीच उन्होंने कहा कि ‘प्रदेश में सभी जगह कुछ ना कुछ समस्याएं हैं। मगर मुझे अपने नेता नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा है।’ बता दें कि सीएम नीतीश कुमार करीब एक साल पहले स्व. मधुकर मिश्रा की मूर्ति का अनावरण किया था।