Bihar Elections 2025 Exit Poll: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान जारी है। मतदान समाप्त होने के बाद सभी 243 सीटों को लेकर विभिन्न न्यूज़ एजेंसियों के एग्जिट पोल सामने आएंगे। ये असली नतीजे नहीं होते, लेकिन जनता के मूड का एक अनुमान ज़रूर पेश करते हैं।

हालांकि बिहार ऐसा राज्य है, जहां एग्जिट पोल के रुझान कई बार असली नतीजों से काफी अलग साबित हुए हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण रहे। उस समय ज्यादातर एग्जिट पोल में महागठबंधन को भारी बढ़त दिखाई गई थी, लेकिन नतीजे आए तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखी।

2020 के एग्जिट पोल: किस एजेंसी ने क्या अनुमान लगाया?

एजेंसीमहागठबंधन (MGB)एनडीए
Axis My India139–161 सीटें69–91 सीटें
C-Voter120 सीटें116 सीटें
Chanakya180 सीटें55 सीटें
Jan Ki Baat118–138 सीटें91–117 सीटें
DY Research108–123 सीटें110–117 सीटें

नीचे दिए गए अनुमानों से साफ होता है कि ज़्यादातर एजेंसियों ने महागठबंधन को आगे बताया था, लेकिन वास्तविक परिणामों ने उन्हें चौंका दिया। जब सभी एग्जिट पोल के औसत अनुमान को मिलाकर देखा गया, तो महागठबंधन को करीब 133 सीटें और एनडीए को लगभग 100 सीटें मिलने का अनुमान निकला था।

जब वास्तविक नतीजे आए, तो तस्वीर बिल्कुल उलट गई। एनडीए ने 125 सीटों के साथ सरकार बनाई। महागठबंधन तमाम कोशिशों के बावजूद 110 सीटों तक ही सीमित रह गया। इस तरह एग्जिट पोल और असल परिणामों में करीब 20 सीटों का अंतर दिखा।

बिहार में एग्जिट पोल करना क्यों चुनौतीपूर्ण है?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार जैसे राज्य में एग्जिट पोल का सटीक अनुमान लगाना बेहद कठिन काम है। यहां मतदाता अक्सर मतदान के तुरंत बाद अपनी पसंद खुलकर नहीं बताते, जिसके कारण जवाबों में झिझक और सामाजिक कारक परिणामों को प्रभावित करते हैं।

2015 के विधानसभा चुनाव में भी यही हुआ था। तब भी कई एग्जिट पोल्स ने एनडीए को बढ़त दी थी, लेकिन असल नतीजों में महागठबंधन की लहर चली थी।