बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। हालांकि इस बार नतीजों पर सबकी नजर है, क्योंकि बिहार के लोगों ने बंपर मतदान किया है। आखिर बंपर वोटिंग के मायने क्या है? कई एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ज्यादा वोटिंग सत्ता परिवर्तन का संकेत होता है लेकिन आंकड़े इसकी गवाही नहीं देते हैं। हम इसे बिहार चुनाव से ही समझने की कोशिश कर रहे हैं। 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में 66.91 फीसदी मतदान हुआ है। यह बिहार में आजादी के बाद अब तक का सबसे अधिक मतदान है।

2005 में हुई थी 17 फीसदी कम वोटिंग

राजनीतिक जानकर मानते हैं कि इतना अधिक मतदान बिहार में सत्ता परिवर्तन का संकेत है। लेकिन ऐसा नहीं है। 2005 के विधानसभा चुनाव में जब बिहार में एनडीए की सरकार बनी, तब 17 फीसदी (2000 विधानसभा चुनाव के मुकाबले) कम वोटिंग हुई थी वर्ष। 2000 में बिहार में राजद की सरकार बनी थी और तब 62.57 फीसदी मतदान हुआ था। वही 2005 में दो बार विधानसभा चुनाव हुआ। जब फरवरी में विधानसभा चुनाव हुए, तब वोटिंग प्रतिशत 46.5 था।

वहीं जब किसी को बहुमत नहीं मिला और राष्ट्रपति शासन के बाद फिर से चुनाव हुए, तब वोटिंग प्रतिशत 45.85 था। यानी 2000 के विधानसभा चुनाव से 17 फ़ीसदी कम वोटिंग 2005 में हुई थी और बिहार में सत्ता परिवर्तन हो गया था। इसके बाद से नीतीश कुमार (कुछ महीनों के लिए जीतनराम मांझी को छोड़कर) लगातार मुख्यमंत्री बने हुए।

1962 के विधानसभा चुनाव में कितनी वोटिंग हुई थी?

1962 के विधानसभा चुनाव में बिहार में 44.47 फीसदी वोटिंग हुई थी और कांग्रेस की सरकार बनी थी। वहीं 5 साल बाद जब 1967 में विधानसभा चुनाव हुए तब 51.51 फीसदी वोटिंग हुई और सत्ता परिवर्तन हुआ। बिहार में 1972 की विधानसभा चुनाव में 52.79 फ़ीसदी वोटिंग हुई और कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी। लेकिन 1977 के विधानसभा चुनाव में वोटिंग 50.51 फीसदी हुई और सत्ता पलट गई। इस बार बिहार में जनता पार्टी की सरकार बनी थी।

फिर आता है 1980 का विधानसभा चुनाव जब बिहार में कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में 1977 के मुकाबले 7 फीसदी अधिक वोटिंग हुई। 1980 के विधानसभा चुनाव में 57.28 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी और कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। वहीं 1985 के चुनाव में 56.27 फीसदी वोटिंग हुई और कांग्रेस सरकार बनी रही। 1990 के विधानसभा चुनाव में बिहार में 62.04 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी और सत्ता बदल गई थी। इस बार उसके पिछले चुनाव से 5 फीसदी अधिक वोटिंग हुई थी। यानी इस बार अधिक मतदान के बावजूद सरकार बदल गई थी।

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2010 में 7 फीसदी बढ़ा मतदान और एनडीए ने रच दिया इतिहास

2005 के बाद 2010 के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और 52.67 फ़ीसदी वोटिंग हुई। मतदान प्रतिशत में 7 फीसदी की वृद्धि तो हुई लेकिन सत्ता नहीं बदली और एनडीए की सरकार बन गई। इस बार एनडीए ने इतिहास रच दिया और 243 में 206 विधानसभा सीट जीतकर सरकार बनाई। यानी मतदान प्रतिशत बढ़ने के बाद एनडीए की जीत और बड़ी हो गई।

वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में जब जेडीयू और राजद साथ थे, तब 56.66 की वोटिंग हुई। जबकि पिछले यानी 2020 के विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत केवल 0.39 फीसदी बढ़ा और 57.05 फीसदी वोटिंग हुई।

2025 के विधानसभा चुनाव में टूट गए रिकॉर्ड

लेकिन 2025 के विधानसभा चुनाव में सभी रिकॉर्ड टूट गए और 2020 के मुकाबले वोटिंग प्रतिशत 9.86 फीसदी वोटिंग हुई। महिलाओं ने 2025 में वोटिंग का रिकॉर्ड बनाया है और जमकर वोट बरसाए हैं। बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव में दो चरणों में मतदान हुआ। पहले चरण में 121 सीटों पर वोटिंग हुई जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों पर वोटिंग हुई।

पहले चरण में कुल 65.08 फीसदी मतदान हुआ, जिसमें महिलाओं का प्रतिशत 69.04 और पुरुषों का फीसदी 61.56 रहा। वहीं दूसरे चरण में मतदान फीसदी बढ़कर 68.76 हो गया, जिसमें महिलाओं का प्रतिशत 74.03 और पुरुषों का फीसदी 64.1 रहा। दोनों चरणों के कुल आंकड़े देखें तो महिलाओं का मतदान 71.6 फीसद रहा, जबकि पुरुषों का फीसद 62.8 रहा। राज्य के कुल 7,45,26,858 मतदाताओं में से 3,51,45,791 महिला और 3,93,79,366 पुरुष मतदाता थे।