बिहार में आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी पार्टी में बरकरार है। वहीं जेडीयू के कुछ नेता रघुवंश सिंह के संपर्क में बताए जा रहे हैं। राजनीति में अपनी एक अलग छाप छोड़ने वाले इस दिग्गज नेता को एक बार मकान मालिक ने घर से निकाल दिया था। 1974 में एक समय ऐसा भी था, जब गणित के प्रोफेसर रहे रघुवंश प्रसाद सिंह को छात्र आंदोलन के चलते पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद उन्हें उनके मकान मालिक ने घर से निकाल दिया था।
1974 में रघुवंश प्रसाद सिंह को गिरफ्तार कर पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया था। तीन माह बाद जब वे जेल से बाहर आए तो मकान मालिक ने घर खाली करने के लिए कह दिया। इसके बाद वे अपने कमरे को छोड़कर कॉलेज के हॉस्टल आ गए। उन दिनों रघुवंश प्रसाद के पास इतने पैसे भी नहीं हुआ करते थे कि दो समय का कायदे से खाना खाया जा सके।
रघुवंश विरोधियों के साथ-साथ अपनी पार्टी के खिलाफ भी खुलकर बोलते हैं। 2015 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले रघुवंश ने राजद-जदयू महागठबंधन पर तंज़ कसा था। उस दौरान सीटों को लेकर कुछ विवाद चल रहा था तब रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा था कि गठबंधन में अबतक कुछ अच्छा नहीं हुआ है। दल मिलाने से कुछ नहीं होगा। नेताओं का दिल भी मिलाना होगा। हालांकि यह चुनाव जीतने के कुछ समय बाद यह महागठबंधन टूट गया।
बता दें कि आरजेडी के वरिष्ठ नेता और संस्थापकों में से एक रहे रघुवंश प्रसाद सिंह इन दिनों पार्टी नेतृत्व और रामा सिंह को पार्टी में शामिल किए जाने को लेकर नाराज चल रहे हैं। ऊपर से तेज प्रताप यादव ने उन्हें समुद्र का एक लोटा पानी बताकर उनकी नाराजगी और बढ़ा दी है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह जेडीयू में शामिल हो सकते हैं।
इधर, राबड़ी आवास पर रामा सिंह के खिलाफ हो रहे नारेबाजी के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को अपनी बात रखने का हक है लेकिन, पार्टी में कौन शामिल होगा नहीं शामिल होगा या पार्टी किसे टिकट देगी नहीं देगी यह निर्णय पार्टी करेगी। यानी एक प्रकार से देखा जाए तो तेजस्वी ने भी रामा सिंह को पार्टी में शामिल कराने का मन बना लिया है।