लोक जनशक्ति पार्टी चीफ चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला और आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार ने उनके पिता का अपमान किया था। चिराग पासवान ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू से सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर नाता नहीं तोड़ा है। चिराग के अनुसार, उनकी पार्टी जदयू की राजनीति का विरोध करती आयी है।

चिराग पासवान ने कहा है कि “बीते साल हुए लोकसभा चुनाव में उनका जदयू के साथ गठबंधन था क्योंकि जदयू की एनडीए में वापसी हो गई थी। चिराग ने आरोप लगाया कि जदयू ने लोकसभा चुनाव में लोजपा उम्मीदवार के खिलाफ काम किया, जो कि गठबंधन धर्म का उल्लंघन है। चिराग ने खुलासा करते हुए कहा कि बीते साल उनके पिता ने राज्यसभा के लिए नामांकन करते समय नीतीश कुमार से साथ आने की अपील की थी।”

चिराग के अनुसार, “नीतीश कुमार घृणित व्यवहार करते हुए तय महूर्त के बाद आए। ऐसे में कोई भी बेटा इस बात को नहीं भूल सकता है।” चिराग पासवान ने कहा कि “हाल ही में नीतीश कुमार ने अपने एक बयान में कहा था कि मेरे पिता बिना जदयू की सपोर्ट के राज्यसभा नहीं जा सकते थे क्योंकि हमारे सिर्फ दो एमएलए थे। ऐसे में उन्हें याद रखना चाहिए कि मेरे पिता को राज्यसभा सीट देने का वादा खुद तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने किया था।”

चिराग पासवान ने ये भी साफ किया कि सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर वह बिहार में एनडीए से अलग नहीं हुए हैं। चिराग ने बताया कि मेरे दिमाग में था कि लोजपा कभी भी नीतीश कुमार की राजनीति की प्रशंसक नहीं रही है। दलितों को सब-कैटेगरी में बांटकर उन्होंने अपने फायदे के लिए दलितों को बहुत नुकसान पहुंचाया है।

चिराग के अनुसार, मैं केन्द्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से कई बार मिला लेकिन एक बार भी हमारे बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत नहीं हुई। चिराग ने नीतीश सरकार की सात निश्यत योजना की भी आलोचना की और कहा कि जहां देश में काफी विकास हो रहा है, वहीं बिहार में वह अभी भी पाइप से पानी पहुंचाने और सड़के बनाने की बात कर रहे हैं।