बिहार चुनाव 2020 HIGHLIGHTS: बिहार में अक्टूबर के अंत में शुरू होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए विपक्षी पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत शुरू हो गई है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दिल्ली में राजद के साथ सीट साझा करने और हर सीट पर उपयुक्त उम्मीदवार उतारने की चर्चा के लिए लगातार आलाकमान से संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस अपने लिए 70 से ज्यादा सीटें चाहती है, जबकि राजद उसे 60 से ज्यादा सीटें देने के मूड में ही नहीं है। ऐसे में कांग्रेस दल के बीच होने वाली चर्चा काफी अहम होगी।
दूसरी तरफ लेफ्ट पार्टियों ने भी महागठबंधन में रहने के लिए अपनी सीटों की दावेदारी पेश कर दी है। सीपीआई और सीपीएम 10 जिलों की 19 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, राजद और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे का मामला सुलझने के बाद ही लेफ्ट पार्टियों की मांग के पूरे होने की उम्मीद है।
इससे पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को बिहार में गांधी जयंती के एक कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया। इसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग ‘भावना, भ्रम और भय’ का व्यापार करके सरकार चला रहे हैं और जनता को इनसे सावधान रहने और सही निर्णय लेने की जरूरत है। ‘गांधी चेतना रैली’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिये महात्मा गांधी के आदर्श पार्टी की आत्मा हैं और पार्टी की कार्यशैली इन्हीं आदर्शो पर आधारित है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ आज कुछ लोग गांधी जी का नाम जोर-शोर से तो लेते हैं, लेकिन अपनी करनी से उन्होंने उनके उसूलों और आदर्शों को चूर-चूर कर दिया है। आप खुद देखिए चारों तरफ हिंसा, चारों तरफ अराजकता, अत्याचार, दुराचार, जानबूझ कर समाज में भेदभाव का माहौल बनाया जा रहा है और बेगुनाहों पर ज़ुल्म किए जा रहे हैं। ’’
उधर, लोजपा की संसदीय समिति की बैठक कल यानि कि 3 अक्टूबर को होनी है। इस बैठक में पार्टी अहम फैसला ले सकती है। दरअसल एनडीए में अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। चिराग भाजपा नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं लेकिन अभी तक आम सहमति नहीं बन पायी है। ऐसे में माना जा रहा है कि चिराग और उनकी पार्टी कल गठबंधन और सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला कर सकते हैं।
Highlights
1980 में बनी भाजपा ने बिहार में पहला विधानसभा चुनाव इसी साल लड़ा था। इस चुनाव में 246 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 21 ही जीत सके थे। उसके बाद से अब तक भाजपा यहां 9 चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन कभी भी 100 से ज्यादा सीटें नहीं जीत सकी है। भाजपा ने बिहार में अब तक सबसे ज्यादा 91 सीटें 2010 के चुनाव में जीती थीं। बिहार में भाजपा सरकार में सहयोगी जरूर है, लेकिन कभी अकेले दम पर सरकार नहीं बना सकी है।
बिहार चुनाव के लिए भाजपा 10 -11 अक्टूबर को अपना घोषणा पत्र जारी कर सकती है। इसकी तैयारी के लिए कृषि मंत्री प्रेम कुमार की अगुवाई में समिति गठित की गई है। पार्टी घोषणा पत्र के लिए आम लोगों से भी सुझाव ले रही है। साथ ही पार्टी के 120 प्रचार रथों में रखी सुझाव पेटी से भी करीब 60 हजार सुझाव मिले हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का फार्मूला लगभग तय है। बताया गया है कि कांग्रेस को राजद 62 सीटें देने को तैयार है। हालांकि कांग्रेस अभी भी 70 की मांग कर रही है। पार्टी राहुल गांधी से चर्चा के बाद इस अंतिम फैसला करेगी। दूसरी तरफ लेफ्ट पार्टियों के दावे पर भी राजद और कांग्रेस के तैयार होने की बात सामने आ रही है।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘‘ बिहार की जनता नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कुशासन से मुक्ति चाहती है। दूसरी ओर, राजद नीत गठबंधन में भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा मजबूत नहीं है और लोग इनके 15 साल के शासन के इतिहास को भी याद करते हैं । ऐसे में दोनों जनता में विश्वास पैदा करने में विफल रहे हैं । ’’ उन्होंने कहा कि लोग नीतीश के साथ भी नहीं हैं और न ही वे राजद के साथ जाना चाहते हैं क्योंकि ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं । ऐसे में प्रदेश की जनता एक विकल्प की तलाश में हैं ।
केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजग के संकट को दूर करने के वास्ते ‘तीन-चार’ लोगों को हस्तक्षेप करने के लिये अधिकृत किया है। बिहार के पटना साहिब लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रसाद ने हालांकि उन लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया जिन्हें भाजपा अध्यक्ष ने इस कार्य के लिये अधिकृत किया है।
आरजेडी के साथ सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत में सक्रिय भूमिका निभा रहे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'आरजेडी और खासकर तेजस्वी यादव के रवैये से हम दुखी हैं। पहले जीतन राम मांझी को अलग कर दिया गया, फिर उपेंद्र कुशवाहा को अलग किया गया। अब हमारे साथ भी इनका रवैया ठीक नहीं है।' उन्होंने कहा, 'पार्टी ने पिछले कुछ दिनों से लगातार बैठकें की हैं। हमारी पार्टी के कुछ नेताओं की यह राय सामने आई है कि अगर आरजेडी का यही रवैया रहता है तो हमें कांग्रेस की अगुवाई में वैकल्पिक धर्मरिनरपेक्ष मोर्चे के बारे में विचार करना चाहिए।'
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) 3 अक्टूबर को अपनी संसदीय समिति की बैठक बुलायी है। इस बैठक में पार्टी अपने संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा कर सकती है। बता दें कि अभी एनडीए में सीटों के बंटवारे पर भी बात अटकी हुई है। जिसके लिए बैठकों और चर्चाओं का दौर जारी है।
राजद सांसद मनोज झा ने अपने एक बयान में कहा है कि महागठबंधन को लेकर सीटों का बंटवारा हो चुका है और विवाद खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे और संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी जाएगी। झा ने कांग्रेस के साथ होने का दावा किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ अब बहुत हो गया। मैं इतना कहना चाहती हूं कि कुछ लोग ‘भावना, भ्रम और भय’ का व्यापार करके सरकार चला रहे हैं, आप इन सबसे सावधान रहे और सही निर्णय लें। ’’ उन्होंने कहा कि हम सभी को एकजुट होकर लड़ना है और यही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कांग्रेस पार्टी लगातार संघर्ष करेगी और सभी के सहयोग से सफलता पायेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए तो महात्मा गांधी जी के विचार पार्टी की आत्मा हैं। गांधीजी के लिए प्रगति का अर्थ मनुष्य का समग्र विकास था। उनके लिए राष्ट्र के विकास का मतलब देश के सबसे गरीब व्यक्ति के विकास से था, न कि चंद लोगों के विकास से।
लालू और नीतीश को ‘एक ही सिक्के के दो पहलू’ करार देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी का गठबंधन न तो किसी के वोट काटने के लिये, न ही किसी को परोक्ष रूप से समर्थन देने के लिये है, बल्कि यह बिहार की जनता को एक सार्थक विकल्प देने के लिये है। कुशवाहा ने कहा, ‘‘ बिहार की जनता नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कुशासन से मुक्ति चाहती है। दूसरी ओर, राजद नीत गठबंधन में भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा मजबूत नहीं है और लोग इनके 15 साल के शासन के इतिहास को भी याद करते हैं । ऐसे में दोनों जनता में विश्वास पैदा करने में विफल रहे हैं । ’’
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जनसभाओं का भी आयोजन होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार की बात गलत है। हालांकि जनसभाओं के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोजपा प्रमुख चिराग पासवान से मुलाकात की। इस मुलाकात में सीटों के बंटवारे पर बात हुई। दरअसल लोजपा ने मांग रखी है कि बंटवारे के तहत जो सीटें उसे दी जाएं वो उसकी पसंद की हो। लोजपा नेताओं का कहना है कि जो सीट बंटवारे को लेकर बातचीत हुई है, उसमें लोजपा को कई सीटें वो दी गई हैं, जहां उसके उम्मीदवारों के जीतने की संभावना बेहद कम है। यही वजह है कि लोजपा अपनी पसंद की सीटें देने पर अड़ी है।
महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर बात बनती दिखाई दे रही है। यही वजह है कि पहले चरण में राजद ने 20 सीटों को छोड़कर बाकी सीटों पर अपने सभी उम्मीदवारों को हरी झंडी दे दी है। साथ ही राजद ने विधान परिषद चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह बांटने की कवायद शुरू कर दी है।
महागठबंधन से अलग होने के बारे में एक सवाल के जवाब में कुशवाहा ने साफ-साफ कहा कि वर्तमान नीतीश कुमार की सरकार को हटाने के लिए राजद का वर्तमान नेतृत्व काफी नहीं है और उसने मुख्यमंत्री पद के लिए जो चेहरा (तेजस्वी यादव) पेश किया है, उसमें वह क्षमता नहीं है ।
रालोसपा चीफ कुशवाहा ने कहा, ‘‘ बिहार की जनता नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कुशासन से मुक्ति चाहती है। दूसरी ओर, राजद नीत गठबंधन में भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा मजबूत नहीं है और लोग इनके 15 साल के शासन के इतिहास को भी याद करते हैं । ऐसे में दोनों जनता में विश्वास पैदा करने में विफल रहे हैं ।" उन्होंने कहा कि लोग नीतीश के साथ भी नहीं हैं और न ही वे राजद के साथ जाना चाहते हैं क्योंकि ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं । ऐसे में प्रदेश की जनता एक विकल्प की तलाश में हैं ।
लालू और नीतीश को ‘एक ही सिक्के के दो पहलू’ करार देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी का गठबंधन न तो किसी के वोट काटने के लिये, न ही किसी को परोक्ष रूप से समर्थन देने के लिये है, बल्कि यह बिहार की जनता को एक सार्थक विकल्प देने के लिये है। उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिये राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जनतांत्रिक पार्टी (सोशलिस्ट) के साथ गठबंधन किया है। रालोसपा कुछ समय पहले तक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा थी ।
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) 3 अक्टूबर को अपनी संसदीय समिति की बैठक बुलायी है। इस बैठक में पार्टी अपने संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा कर सकती है। बता दें कि अभी एनडीए में सीटों के बंटवारे पर भी बात अटकी हुई है। जिसके लिए बैठकों और चर्चाओं का दौर जारी है।
राजद सांसद मनोज झा ने अपने एक बयान में कहा है कि महागठबंधन को लेकर सीटों का बंटवारा हो चुका है और विवाद खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे और संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी जाएगी। झा ने कांग्रेस के साथ होने का दावा किया है।
सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में रस्साकसी जारी है। महागठबंधन को दो मुख्य घटक दलों राजद और कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी है। गुरुवार को भी दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच राबड़ी देवी के आवास पर बैठक हुई। बताया जा रहा है कि राजद कांग्रेस को 62 सीटों का प्रस्ताव दे रही है लेकिन कांग्रेस 65-70 सीटों की मांग पर अड़ी है। तेजस्वी और मदन मोहन झा के अलावा भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य और वीआइपी पार्टी के मुकेश सहनी भी इस बैठक में शामिल हुए।
बिहार के डिप्टी सीएम और भाजपा नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी में अभी भी पैसे लेकर टिकट देने की प्रवृत्ति कायम है। इसलिए वहां ज्यादा सीटें अपने पास रखने की जिद भारी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि इसी के चलते कथित महागठबंधन के साथी दल एक -एक कर अलग होते जा रहे हैं।
जदयू नेताओं ने नीतीश सरकार के कामकाज का प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है। जल संसाधन मंत्री संजय झा ने पार्टी प्रदेश कार्यालय में कहा कि कृषि और जल संसाधन विभाग में कई बेहतरीन काम हुए हैं। इनमें एपीएमसी एक्ट को खत्म करना शामिल है। बिहार में मछली उत्पादन में ढाई गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। मखाना कारोबार भी 300 करोड़ रुपए तक पहुंचा है।
सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्यूनिस्ट) पार्टी ने बिहार की 26 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। पहले चरण में पार्टी ने सुल्तानगंज से नरेश दास, बेलहर से कवींद्र पंडित, तारापुर से रंजीत राम, मुंगेर से देवानंद मंडल, कुर्था से रुपेश कुमार और जहानाबाद से राजू कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है।
प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया ने पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पुष्पम प्रिया ने फेसबुक के जरिए अपने फैसले की जानकारी समर्थकों को दी है।
आरजेडी के साथ सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत में सक्रिय भूमिका निभा रहे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'आरजेडी और खासकर तेजस्वी यादव के रवैये से हम दुखी हैं। पहले जीतन राम मांझी को अलग कर दिया गया, फिर उपेंद्र कुशवाहा को अलग किया गया। अब हमारे साथ भी इनका रवैया ठीक नहीं है।' उन्होंने कहा, 'पार्टी ने पिछले कुछ दिनों से लगातार बैठकें की हैं। हमारी पार्टी के कुछ नेताओं की यह राय सामने आई है कि अगर आरजेडी का यही रवैया रहता है तो हमें कांग्रेस की अगुवाई में वैकल्पिक धर्मरिनरपेक्ष मोर्चे के बारे में विचार करना चाहिए।'
वंचित बहुजन अगाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव से हाथ मिलाया है।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए गुरुवार से नामांकन शुरू हो गया है। पहले दिन विधानसभा के लिए तीन और विधान परिषद के लिए 24 प्रत्याशियों ने नामांकन किया। इनमें औरंगाबाद विधानसभा में दो और वजीरगंज विधानसभा में एक प्रत्याशी ने नामांकन किया। विधान परिषद के लिए नामांकन करने वालों में जदयू प्रवक्ता नीरज सिंह भी शामिल रहे।
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कई दिग्गज नदारद रहेंगे, जो कि अपनी खास भाषण शैली से मतदाताओं को लुभाने के लिए खासे जाने जाते हैं। इनमें राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव, शरद यादव और रामविलास पासवान जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। वहीं रघुवंश प्रसाद सिंह के रूप में भी बिहार ने अपने एक चर्चित नेता को खो दिया है। इसके असर का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव में लालू यादव ने 248 चुनावी सभाएं की थी, जो कि किसी नेता द्वारा की गई सबसे ज्यादा सभाएं थी।
बिहार चुनाव के लिए भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक 4 अक्टूबर को होने की संभावना है। इससे पहले भाजपा सहयोगी दलों से चर्चा कर सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे सकती है। इसके लिए भूपेन्द्र यादव और देवेंद्र फडणवीस पटना में जदयू नेताओं के साथ सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि कुछ दिनों पहले तक आरजेडी 58 विधानसभा सीटें और वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट (उपचुनाव) कांग्रेस को देने के पक्ष में थी। हालांकि, कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि पार्टी को 70 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया बृहस्पतिवार को शुरू हो गयी । नामांकन के पहले दिन केवल तीन उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार औरंगाबाद में दो और वजीरगंज में एक उम्मीदवार ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया । पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 12 अक्टूबर है। पहले चरण में जिन प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है, उनमें दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह शामिल हैं, जो भागलपुर जिले के कहलगांव में जीत दर्ज करते रहे हैं। इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का नाम भी इनमें शामिल हैं। दूसरे और तीसरे चरण के लिए अधिसूचना क्रमश: नौ और 13 अक्टूबर को जारी की जाएगी।
बिहार के लिए कांग्रेस की स्क्रीनिंग समिति ने बृहस्पतिवार को अपनी पहली बैठक की और विधानसभा चुनाव में सात वर्तमान विधायकों को खड़ा करने का निर्णय लिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कांग्रेस ने बुधवार को पार्टी टिकटों के वितरण और अन्य दलों के साथ सीटों के बंटवारे पर आंतरिक चर्चा की थी। बैठक में भाग लेने वालों में स्क्रीनिंग समिति के अध्यक्ष अविनाश पांडे, बिहार में पार्टी प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, बिहार कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा और बिहार में सीएलपी नेता सदानंद सिंह शामिल थे।
बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर आयी निर्वाचन आयोग की सात सदस्यीय टीम का नेतृत्व करने वाले सुनील अरोड़ा ने विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा के बाद बृहस्पतिवार को पटना में पत्रकारों से बात की। यात्रा के दौरान, आयोग की टीम ने राजनीतिक दलों के शिष्टमंडलों के साथ मुलाकात करने के साथ प्रदेश के प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के अलावा राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के साथ बैठक कर महामारी के बीच चुनाव से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की ।
प्रदेश आए मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने कहा कि आयोग कोविड-19 महामारी के दौरान स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण, पारदर्शी और सुरक्षित मतदान कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमने पहले ही अपनी बातचीत में यह स्पष्ट कर दिया है कि हम चाहते हैं कि सोशल मीडिया आयोग के साथ सहयोग करे… अगर हमें (आयोग) किसी भी स्रोत से चाहे वह मीडिया हो या कोई व्यक्ति यह जानकारी मिलती है कि सोशल मीडिया में शरारत हो रही है और उसकी रिपोर्ट से सांप्रदायिक और जातिगत हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है तो हम कड़ी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे। ”
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी की समीक्षा के लिए प्रदेश आए मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि चुनाव के दौरान किसी सोशल मीडिया पोस्ट से सांप्रदायिक और जातिगत हिंसा को बढ़ावा दिए जाने की "प्रमाणिक रिपोर्ट" मिलती है, तो आयोग सख्त कार्रवाई करेगा। अरोड़ा ने कहा कि आयोग कोविड-19 महामारी के दौरान स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण, पारदर्शी और सुरक्षित मतदान कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को मतगणना होगी। चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद भी अब तक कांग्रेस और राजद के बीच सीटों के तालमेल को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।
बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति के लिए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के आवास पर बैठक शुरू हो गई है। बैठक में बिहार भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। इसमें भाजपा की चुनाव अभियान समिति पर बैठक चल रही है। इधर प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष और पार्टी की सीएम उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी ने पटना के बांकीपुर विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। चौधरी ने बताया कि वो दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इसमें एक क्षेत्र मगध और दूसरा मिथिला होगा। मगध क्षेत्र के बांकीपुर से उन्होंने चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सत्तापक्ष एनडीए के घटक दलों में सीट बंटवारे पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। इधर सीट बंटवारे पर भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक चार अक्टूबर को होगी। समिति में बिहार से भाजपा प्रवक्ता सैय्यद शाहनवाज हुसैन शामिल हैं। माना जा रहा है कि बैठक में तय किया जाएगा कि चुनाव में भाजपा की सीटों पर कौन-कौन उम्मीदवार होंगे। समिति की सहमति मिलने के बाद ही पार्टी की तरफ से अधिकृत प्रत्याशियों के नामों का औपचारिक तौर पर ऐलान किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार चुनाव में भाजपा कई नए चेहरों को मौका दे सकती है।
बिहार सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार कंटेनमेंटजोन्स में लॉकडाउन की अवधि को दिनांक 31.10.2020 तक के लिए विस्तारित कर दिया गया है। साथ ही, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा 30 सितंबर 2020 को जारी आदेश को यथावत लागू करने व अनुपालन करने का निर्णय लिया गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव के लिए आज से राज्य के 16 जिलों की 71 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले चरण के लिए नामांकन करने की आखिरी तारीख 8 अक्टूबर है और 9 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। वहीं 12 अक्टूबर नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है। बिहार चुनाव के पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को होगा।
पहले चरण के मतदान में नीतीश सरकार के आठ मंत्रियों की किस्मत का फैसला हो जाएगा। इनमें कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा, भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल, विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी मंत्री जय कुमार सिंह, शिक्षा मंत्री कृष्णनंद वर्मा, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार सिंह और परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला का नाम शामिल है।