बिहार में इस साल का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। दरअसल, एनडीए गठबंधन इस बार राज्य में ही बिखर गया है। जहां जदयू और भाजपा साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं लोजपा ने अकेले ही चुनाव में उतर कर जदयू के खिलाफ खड़े होने का फैसला किया है। ऐसे में मौजूदा सरकार को महागठबंधन से ज्यादा अंदरुनी कलह का खतरा सता रहा है। इस बीच भाजपा नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने फिर दोहराया है कि नीतीश कुमार ही उनके सीएम होंगे। मोदी ने चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की वोट कटवा लोजपा से कोई गुपचुप डील नहीं हुई है।

दरअसल, लोजपा प्रमुख चिराग पासवान लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि उन्हें बिहार में भाजपा से कोई दिक्कत नहीं है और प्रधानमंत्री मोदी उनके लिए सम्मानीय हैं। हालांकि, उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को कई मौकों पर आड़े हाथों लिया और उन्हें हराने के लिए ही अलग से चुनाव में उतरने का भी ऐलान कर दिया। लोजपा अपनी नीति के तहत भाजपा के खिलाफ प्रत्याशी नहीं खड़े कर रही, पर जदयू के खिलाफ हर सीट में उम्मीदवार उतारने की बात कह रही, ताकि नीतीश कुमार को सीएम बनने से रोका जा सके। लोजपा नेता यह भी कह चुके हैं कि भाजपा से उनका कोई बैर नहीं और नतीजों के बाद वे साथ मिलकर सरकार बनाएंगे।

हालांकि, इस पर सुशील कुमार मोदी ने एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में कहा, “यह कुछ मीडिया घरानों द्वारा चलाई जा रही बातें हैं। भाजपा की क्या रुचि होगी कि लोजपा हमारी साझेदार के खिलाफ चुनाव लड़े और इसकी वजह से जदयू कुछ सीटें हार जाए, तो क्या लोजपा में बिहार में 2-3 सीटों से ज्यादा जीतने की क्षमता है?”

मोदी ने आगे कहा, “भाजपा के हर एक नेता ने साफ किया है कि लोजपा बिहार में एनडीए का हिस्सा नहीं है। हर सार्वजनिक सभा में मैं लोगों से कहता हूं कि अपना वोट लोजपा के उम्मीदवार को देकर बर्बाद न करें। वे वोट कटवा हैं। यह कुछ कूटनीतिज्ञों की रचना है।”

जदयू को कम सीटें मिली तो भी नीतीश ही होंगे सीएम: सुशील कुमार मोदी ने इशारों में कहा कि अगर जदयू को चुनाव में कम सीटें मिलीं, तो भी सीएम नीतीश कुमार ही होंगे। डिप्टी सीएम ने कहा, “हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि सीटों का आंकड़ा अहम नहीं है। जितनी भी सीटें भाजपा और जदयू जीतें, नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे।” उन्होंने कहा कि साल 2000 में हमारे पास 64 विधायक थे और नीतीश की पार्टी के पास 36 या 37 विधायक थे, पर फिर भी नीतीश ही मुख्यमंत्री बने थे।