Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव साल के आखिर में होने वाले हैं। इससे पहले प्रदेश में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को शनिवार को होली समारोह में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ देखा गया। यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है जब निशांत के पॉलिटिक्स में एंट्री करने की अटकलें तेज हैं। नीतीश कुमार इकलौती संतान निशांत को जदयू के वरिष्ठ नेता, मंत्री विजय कुमार चौधरी और पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा के साथ फोटों खिंचवातें देखा गया।
किसी सामाजिक समारोह में जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं के साथ निशांत की यह पहली मुलाकात है। जेडीयू के सूत्रों के मुताबिक, निशांत कुमार के पार्टी में शामिल होने के सबसे ज्यादा आसार खरमास के बाद है। हिंदू ज्योतिष में इसे अशुभ माना जाता है। यह 15 अप्रैल को खत्म होने वाला है। उनके शामिल होने पर सस्पेंस के बावजूद निशांत इस साल की शुरुआत से ही तीन बार मीडिया से बातचीत कर चुके हैं।
एनडीए से की थी निशांत ने खास अपील
इन तीनों ही अवसर पर उन्होंने बिहार के लोगों से नीतीश कुमार को एक बार फिर से वोट देने की अपील की। इतना ही नहीं उन्होंने एनडीए से भी आग्रह किया कि वह मीडिया में नीतीश कुमार को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें। शनिवार को सीएम हाउस में होली समारोह में शामिल हुए जेडीयू के एक नेता ने कहा कि पार्टी नेताओं ने निशांत से मिलने के बारे में तय किया।
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सीएम से मिलने वाले हर एक नेता ने निशांत से मुलाकात की
जेडीयू नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलने वाले लगभग हर नेता ने निशांत से भी मुलाकात की। वह सीएम हाउस में एक अलग जगह पर बैठे हुए थे। वहीं एक दूसरे जेडीयू नेता ने बताया कि पार्टी ने यह तय किया कि पार्टी के सभी खास नेता निशांत से मिलें। उन्होंने कहा, ‘हालांकि यह राजनीतिक चर्चा का दिन नहीं था, लेकिन पार्टी के वरिष्ठों और कार्यकर्ताओं के लिए संदेश स्पष्ट था। निशांत कुमार जल्द ही नीतीश कुमार के राजनीतिक उत्तराधिकारी बनने जा रहे हैं।’
जब उनसे यह सवाल किया गया कि निशांत पार्टी में कब शामिल होंगे तो पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसका फैसला निशांत को ही करना है। इस बीच, उनके राजनीतिक कदम उठाने की अफवाहों के बीच विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने इस पर कटाक्ष किया। यादव ने कहा, ‘हम निशांत का राजनीति में स्वागत करेंगे।’ वह अब और समय बर्बाद नहीं करेगा और उसे राजनीति में शामिल हो जाना चाहिए, नहीं तो बीजेपी जेडीयू को निगल जाएगी। वक्फ विवाद के बीच नीतीश सरकार का बड़ा प्लान