बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल शीला मंडल ने स्वतंत्रता सेनानी वीर कुंवर सिंह को लेकर बयान दिया है। शुक्रवार को बिहार की परिवहन मंत्री शीला मंडल सीतामढ़ी के मथुरापुर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची थीं। यहां शीला मंडल ने कहा कि ‘जो वीर कुंवर सिंह हैं राजपूतों के, हम देख रहे हैं कि उनका हाथ कटा तो उतना वाहवाही हो गया, जो हर किताब में, बच्चा-बच्चा जानता है। लेकिन हमारे शहीद रामफल मंडल, जिन्होंने अपनी जान की बलि दी, उनको देश-समाज का जितना सम्मान मिलना चाहिए था, नहीं मिला। यहीं दूसरे वर्गों के होते तो इनका सब बाल-बच्चा लोग बड़ा-बड़ा पदाधिकारी होता, बड़ा राजनीतिज्ञ होता। हमेशा से ऐसा है। शास्त्र में भी अति पिछड़ों के गुणों को दबाया जाता है और दूसरे वर्ग के कम गुणी को उजागर कर समाज में व्यंजन की तरह परोसा जाता है।’
रामफल मंडल की चर्चा करते हुए बिहार की मंत्री ने कहा कि ‘शहीद रामफल मंडल के परिवार को देखकर दुख होता है। घर नहीं है। बेटी-पतोहू को देखकर दुख हुआ। इनका तो अधिकार बनता है। सोचिए, इतनी बड़ी कुर्बानी और ये स्थिति? इनको सम्मान-अधिकार नहीं मिला। 15 साल पहले इनका कोई नाम नहीं जानता था। हमारी सरकार ने इनके नाम से डाक टिकट जारी किया। महिलाएं अपने बच्चों को रामायण के राम की तरह इनके बारे में भी बताएं।’
कौन थें रामफल मंडल? बता दें कि रामफल मंडल को 23 अगस्त 1943 को फांसी दी गई थी। रामफल मंडल पर आरोप था कि उन्होंने बाजपट्टी चौक पर अंग्रेज सरकार के अधीन पुलिस इंस्पेक्टर, हवलदार औऱ चपरासी की हत्या कर दी थी।
मंत्री ने दी सफाई: इधर शीला मंडल के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में हंगामा मच गया था। विपक्षी पार्टियों ने उनपर निशाना साधा तो पूर्व मंत्री और राजपूत बिरादरी से आने वाले जदयू नेता जय कुमार सिंह ने भी इस बयान की निंदा की। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कैबिनेट मंत्री के बयान से नाराज थे। अपनी किरकिरी होते देख शीला मंडल ने जल्दी ही सफाई भी पेश कर दी।