बिहार में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सत्ताधारी एनडीए गठबंधन की गांठें खुलने लगी हैं। अब बीजेपी एमएलसी और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने बड़ा बयान दिया है जो लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को झटका देने वाला है। पासवान ने कहा है कि बिहार में सरकार बनाने के लिए जेडीयू-बीजेपी को किसी और की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि साल 2010 में बीजेपी और जेडीयू मिलकर दो तिहाई बहुमत से सरकार बना चुकी है।

दरअसल, संजय पासवान का यह बयान लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना काल में चुनाव नहीं कराया जाना चाहिए। इसके अलावा चिराग जेडीयू के खिलाफ भी बयान दे चुके थे। उन्होंने कहा था कि उनका गठबंधन बीजेपी से है, जेडीयू से नहीं। जब पत्रकारों ने संजय पासवान से चिराग के बयान के बारे में पूछा तो बीजेपी नेता ने कहा, “जो लोग इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं, चाहे वे हमारे सहयोगी हों या विपक्षी, लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते। चुनाव आयोग फैसला (चुनाव रोकने) में सक्षम है।”

संजय पासवान यहीं नहीं रुके। उन्होंने केंद्र सरकार में मंत्री और चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान पर भी निशाना साधा और कहा कि ऐसा लगता है कि हालिया बयान सत्ता में बने रहने के लिए रामविलास पासवान की रणनीति और दांवपेंच का हिस्सा है।

बता दें कि 2010 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था और दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाई थी। इसके बाद 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले ही नीतीश ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था। तब 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान लोजपा ने बीजेपी से गठबंधन किया था। यह गठबंधन 2015 के विधानसभा चुनाव में भी जारी रही, जबकि नीतीश की जेडीयू ने 2015 के विधान सभा चुनाव में लालू यादव की पार्टी राजद से हाथ मिला लिया था और जीतकर सरकार बनाई थी लेकिन 2017 में महागठबंधन तोड़कर नीतीश ने फिर से एनडीए संग मिलकर सरकार बना ली। लिहाजा, दोनों दल अपने को बीजेपी की सहयोगी तो मानते हैं, पर एक-दूसरे की सहयोगी नहीं मान रही।

माना जा रहा है कि चुनाव में अधिक सीटें पाने के लिए ये सियासी दांवपेंच चल रहा है। दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि सियासत के मौसम वैज्ञानिक कहे जाने वाले रामविलास पासवान की पार्टी राजद का पलड़ा भारी देख एनडीए गठबंधन छोड़ सकती है।