सोमवार यानि कि आज लोजपा की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में इस बात पर फैसला किया जा सकता है कि लोजपा नीतीश के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा रहेगी या नहीं। रविवार की शाम को लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने सीएम से बीते 15 सालों में मारे गए दलितों की परिजनों को नौकरी देने की मांग की है।

बता दें कि नीतीश कुमार ने हाल ही में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसा नियम बनाए, जिसके तहत एसएस/एसटी समुदाय के किसी व्यक्ति की हत्या पर उसके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने का प्रावधान हो। चिराग पासवान ने अपने पत्र में लिखा है कि “यदि नीतीश कुमार के बीते 15 साल के कार्यकाल में सभी मारे गए दलितों के परिजनों को नौकरी नहीं दी जाती है तो उक्त ऐलान सिर्फ चुनावी स्टंट लगेगा।”

चिराग पासवान ने दलित समुदाय से किए गए वादे भी पूरे नहीं किए जाने का नीतीश सरकार पर आरोप लगाया है। पत्र में चिराग ने लिखा कि यह वही सरकार है, जिसने वादा किया था कि दलित परिवारों को तीन डेसीमल जमीन दी जाएगी, लेकिन दलितों में इस बात की नाराजगी है कि अभी तक सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया है। चिराग ने लिखा कि “लोग मुझे फोन करके पूछ रहे हैं कि क्या दलितों की हत्या पर परिजनों को मिलने वाली नौकरी भी चुनावी स्टंट तो नहीं है।”

गौरतलब है कि लोजपा और जदयू के बीच बीते कुछ समय से तनातनी चल रही है। इस बीच भाजपा की तरफ से सामंजस्य बिठाने की कोशिश भी हो रही है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा कह चुके हैं कि एनडीए के सभी सहयोगी एकजुट हैं और नीतीश के नेतृत्व में सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि चिराग पासवान बीते कुछ समय से लगातार सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं। चिराग सरकार के कामकाज, कोरोना, लॉकडाउन और बाढ़ के मुद्दे पर नीतीश सरकार की आलोचना कर रहे हैं।

लोजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सोमवार को होने वाली बैठक में यह फैसला किया जा सकता है कि पार्टी एनडीए के साथ चुनाव लड़ेगी या फिर अलग। हम केन्द्र में भाजपा के सहयोगी हैं और हमें उनसे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन बीते एक साल में सिर्फ एक बार सीएम ने चिराग पासवान से बात की है। ऐसा भी लग रहा है कि इस बार एंटी इंकमबेंसी भी हो सकती है।

सूत्रों के अनुसार, यदि लोजपा अकेले चुनाव लड़ती है तो वह भाजपा के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी लेकिन जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारेगी। वहीं जदयू के एक नेता ने कहा है कि लोजपा सिर्फ अच्छी डील पाने के लिए यह सब कर रही है लेकिन सच्चाई ये है कि उनके पास सिर्फ दो विधायक हैं।