Bulldozer Action In Assam: असम के तीन गांवों में एक बड़ा बुलडोजर एक्शन हुआ है, इस वजह से 1400 के करीब परिवार विस्थापित हुए हैं। लोगों ने भी प्रशासन की इस कार्रवाई का जमकर विरोध किया है, पथराव भी हुआ है। गावों में इस समय तनाव का माहौल है। अब असम सरकार की तरफ से पहले ही साफ कर दिया गया था कि अतिक्रमण को हटाया जाएगा, कुछ और जिलों में भी ऐसी कार्रवाई हो चुकी है।

असल में दो जिलों में 4000 बीघा के करीब जमीन से अतिक्रमण हटाने की तैयारी की गई थी। सरकार का भी अनुमान था कि इससे 2500 के करीब परिवार प्रभावित हो सकते हैं। सरकार की तरफ से यह कार्रवाई धूबरी और गोलपारा जिले में की जा रही है।

इससे पहले सरकार ने कहा था कि जो भी परिवार इस पूरी प्रक्रिया में विस्थापित होंगे, उन्हें 50000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। कई परिवारों ने तो इसे स्वीकार भी किया था, लेकिन कुछ विरोध में मजबूती से खड़े हुए हैं। इसी विरोध ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया जब कई लोगों ने अधिकारियों पर पथराव किया। जवाब में पुलिस को भी लाठीचार्ज करनी पड़ी, उस वजह से भी लोगों का गुस्सा और ज्यादा बढ़ा।

अब असम कोई पहला राज्य नहीं है जहां पर इस तरह की बुलडोजर कार्रवाई हुई है। इससे पहले उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश में भी ऐसी कार्रवाई हो चुकी है, वहां भी विरोध होता है, कुछ मौकों पर हिंसक प्रदर्शन भी दिख जाते हैं, लेकिन सरकार भी अपने तर्कों पर अडिग रहती है। बुलडोजर के कई मामले तो सुप्रीम कोर्ट तक जा चुके हैं, वहां भी सुनवाई हुई है।

वैसे एक मामले में जरूर सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर सख्य रुख अपनाया था। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि किसी के आरोपी या दोषी ठहरा दिए जाने से उसका मकान ढहा देने का अधिकार नहीं मिल जाता। प्रशासन को उचित कारण बताना होगा कि कोई भी मकान गिराना क्यों जरूरी है। इसके लिए दूसरे पक्ष की दलीलें भी सुनी जानी चाहिए। उसे अपना जवाब देने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए।