Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद पर हमला करते हुए कहा कि ये तो 1925 में आए, क्या इससे पहले हिंदू मौजूद नहीं थे, हिंदू क्या इनके भरोसे हैं। उन्होंने आरएसएस और वीएचपी पर यह भी आरोप लगाया कि ये उनको मानने वाले लोग हैं, जो मानव-मानव से घृणा करते हैं।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बात करते कहा कि वीएचपी और आरएसएस 100 साल से हैं, उससे पहले भी हिंदू थे, तो सिर्फ इनके भरोसे हिंदू हैं? हिंदू एक ऐसा मैकेनिज्म है, जिसमें सबको पचा लेने की क्षमता है और इस वजह से हजारों साल बाद भी हमारा देश, इसकी सभ्यता और संस्कृति का अस्तित्व है।
उन्होंने आगे कहा, “उनका हिंदुत्व और राष्ट्रवाद कहां से प्रेरित है? वो किस पंथ को मानने वाले लोग हैं ये बताएं?” मुख्यमंत्री ने कहा कि गुंडागर्दी और आक्रामकता हमारी संस्कृति नहीं है। हमारे ऋषि मुनियों ने यह सिद्ध करके बताया कि पूरा विश्व एक परिवार है।” उन्होंने आरएसएस और वीएचपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग ये बताने वाले हैं कि तू तू है और मैं मैं हूं। ये लोग उनको मानने वालें हैं जो मानव मानव से घृणा करते हैं।”
आरएसएस की समन्वय बैठक पर भी कसा तंज
बघेल ने आरएसएस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और संघ के बीच दरार आ गई है और इस दरार को भरने के लिए ही समन्वय बैठक की जा रही है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सिर्फ इस दरार को भरने के मकसद से ही समन्वय बैठक की जा रही है इसलिए इस बैठक के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 3 दिन से छत्तीसगढ़ में डेरा डाले हुए हैं।
वहीं, आरएसएस के मनमोहन वैद्य ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, “संघ के बढ़ने का कारण त्याग और तपस्या है। राहुल गांधी के बाप-दादा ने भी संघ को रोकने की कोशिश की थी और संघ पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद भी संघ बढ़ता रहा। नफरत कांग्रेस ने पाल रखी है। संघ का गणवेश बदल गया है, यह भी उनके ध्यान में नहीं है।”