योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी को यूपी भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। भूपेंद्र सिंह चौधरी की जाट समुदाय के बीच अच्छी-खासी पकड़ मानी जाती है। बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन के बाद जाटों की नाराजगी के मद्देनजर पार्टी ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को दुरुस्त करने के लिए यह दांव चला है। वहीं, भाजपा के इस कदम पर किसान नेता राकेश टिकैत ने निशाना साधा है और कहा है किसी के बीजेपी अध्यक्ष बनने या न बनने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “फर्क इससे पड़ता है कि इनकी नीति क्या है, अभी तो रोज आंदोलन हो रहे हैं।” भाजपा को इस कदम का फायदा मिलेगा या नुकसान होगा? इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि फायदा और नुकसान तो इनमें कर्म से होगा। उन्होंने कहा कि देश में एक ही बिरादरी है क्या, जब चुनाव हुए थे तो इसी बिरादरी पर टीवी डिबेट्स में चर्चा होती रही थी।
यूपी विधानसभा चुनावों से पहले जिस तरह से जाटों को लेकर सियासत गरमाई हुई थी और अब 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले एक बार फिर जाटों को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ रही है, उसी का हवाला देते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने टिप्पणी की।
वोट वैंक का क्या पता- बोले टिकैत
भूपेंद्र चौधरी को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जाट वोट सत्ताधारी दल की तरफ और झुकेगा? इस पर राकेश टिकैत ने कहा, “वोट बैंक का क्या पता, आजकल तो एक ही घर में पता नहीं चलता है कि कौन किसे वोट कर रहा है। बोलते हैं किसी और के लिए, वोट किसी और को देकर आते हैं।” भाजपा के दांव के जयंत चौधरी पर कितना असर पड़ेगा क्योंकि वह भी मेहनत कर रहे हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि मेहनत तो सभी करते हैं और करना भी चाहिए, क्योंकि वह राजनीतिक आदमी हैं और उनको चुनाव लड़ना है।