बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत की गई है कि उन्होंने रिसर्च की दो छात्राओं से टॉयलेट साफ करवाया। इस मामले की जांच करने के लिए वाइस चांसलर ने एक इंक्वायरी कमेटी का गठन किया है। बीएचयू से संबद्ध महिला महाविद्यालय की ये स्टूडेंट्स अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखती हैं। आरोप है कि मार्च महीने में आयोजित एक कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे टॉयलेट साफ कराए गए। नैशनल कमिशन फॉर शिड्यूल ट्राइब्स के निर्देश पर वीसी ने जांच पैनल का गठन किया है।
एक सीनियर फैकल्टी मेंबर ने बताया, ‘होम साइंस डिपार्टमेंट की एक प्रोफसर ने दो पीएचडी स्कॉलर्स से डिपार्टमेंट में टॉयलेट साफ करवाया। उस वक्त डिपार्टमेंट में एक कॉन्फ्रेंस होने वाली थी।’ फैकल्टी मेंबर के मुताबिक, पीड़ित स्टूडेंट प्रोफेसर से डरे हुए थे और उन्होंने इस बात की शिकायत नहीं की। हालांकि, कॉलेज के एक नॉन टीचिंग स्टाफ ने कथित तौर पर कमिशन के पास शिकायत भेजी।
महिला महाविद्यालय की प्रिंसिपल चंद्रकला त्रिपाठी ने बताया, ‘मुझे निजी तौर पर इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है। एक नॉन टीचिंग स्टाफ ने इसके बारे में शिकायत की है और इंक्वायरी कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की अगुआई पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर करेंगे और इसमें 5 से 6 सदस्य होंगे।’ हालांकि, यूनिवर्सिटी के वीसी राकेश भटनागर ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।