भोपाल में यूनियन कार्बाइड कंपनी से हुई गैस त्रासदी के बाद अब हाईकोर्ट के आदेश पर उससे निकले जहरीले कचरे के निस्तारण का काम शुरू हो गया है। पीथमपुर की रामकी कंपनी को इसके निस्तारण का जिम्मा सौंपा गया है। इसके आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पूरी प्रक्रिया का जिम्मा सौंपा है। यहां साढ़े 300 मीट्रिक टन से अधिक कचरा लाया गया है। स्थानीय विरोध के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

850 डिग्री पर जलाया जाएगा कचरा

इस कचरे को सुरक्षित तरीके से नष्ट करने के लिए स्पेशल इंसीनरेटर (भट्टी) का उपयोग किया जा रहा है। इसे 850 डिग्री सेल्सियस तापमान वाले स्पेशल इंसीनरेटर में जलाया जाएगा। इसकी निगरानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) की टीमें कर रही हैं। कचरे के निस्तारण का काम कई चरणों में पूरा किया जाना है। इसके पहले चरण में 10 टन कचरे को जलाया जाएगा, जिसमें 3 दिन लगेंगे।

9-9 किलो के बैग तैयार

कचरे के निस्तारण के लिए इसके 9-9 किलो के बैग तैयार किए गए हैं। हर बैग में 4.5 किलो कचरा और 4.5 किलो चूना मिलाया गया है। बता दें कि इंसीनरेटर (Incinerator) को पूरी तरह गर्म करने में 12 घंटे लगते हैं। ऐसे में इसे एक दिन पहले भी शुरू किया गया। इस प्रक्रिया के दौरान निकलने वाली राख, गैस, सॉलिड पार्टिकल और पानी को वैज्ञानिक तरीके से निष्पादित किया जाएगा। बाद में राख को भी सुरक्षित रूप से लैंडफिल साइट में दबा दिया जाएगा।

हाईकोर्ट ने दिया था आदेश

मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने तीन चरणों में 10-10 टन कचरा जलाने और 27 मार्च तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। 4 मार्च से शुरू होने वाले दूसरे चरण में 180 किलो कचरा प्रति घंटे की दर से जलाया जाएगा और 10 मार्च से शुरू होने वाले तीसरे चरण में 235 किलो कचरा प्रति घंटे की दर से जलाया जाएगा। स्थानीय लोग कचरे से निस्तारण का विरोध कर रहे हैं। इसे देखते हुए इंदौर के कमिश्नर दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर भी पहुंचेंगे। इसके अलावा 24 थानों से 500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।